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हम खुद कोदो खा कर नही मरे तो हाथी कैसे मरेगें: ग्रामीण

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उमरिया: मध्य प्रदेश में उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते दिनों हुई 10 जंगली हाथियों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बांधवगढ़ के सलखनियां बीट में हुई हाथियों की मौत के मामले में कई टीमें जांच में जुटी हैं। उनका मानना है कि कोदो की फसल खाने से हाथियों की मौत हुई है। हालांकि शनिवार को मौके पर पहुंचे वन राज्य मंत्री के सामने ग्रामीणों ने बड़ा खुलासा किया।

कोदो खाकर मरने की बात को नकारा

ग्रामीणों ने वन राज्य मंत्री के सामने कोदो फसल खाकर हाथियों की मौत को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने, कहा है कि जांच सही तरीके से नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि जिस कोदो की फसल को वन विभाग ने नष्ट कराया है उसी फसल को हमारे मवेशी दो दिन से खा रहे हैं जो पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। उनको किसी तरह की हानि नहीं हुई है। इसके साथ ही उन्होंने वन विभाग की जांच को लेकर भी बात कही।

हम खुद भी कोदो खाते हैं

ग्राम सलखनिया निवासी किसान ने बताया कि जांच निष्पक्ष होना चाहिये। जो ये लोग कह रहे हैं कि हाथी कोदो खाये हैं और मर गये। हम नहीं जानते कि हाथी कैसे मर गए लेकिन कोदो खाने से नहीं मरे हैं। हम खुद ही कोदो खाते हैं। 4 से 5 साल पहले हाथी आये थे लेकिन अभी 4-5 दिन पहले ही आये हैं, कम से कम 30 - 35 हाथी रहे और कोदो खाने से उनकी मौत नहीं हुई है।

दादा परदादा करते आए हैं खेती

वहीं, दूसरे ग्रामीण सुदामा सिंह का कहना है कि इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। बस इतना मालूम है कि 10 हाथी खत्म हो गये हैं, ये लोग बताते हैं कि कोदो खाने से मरे हैं, कोदो की खेती हमारे दादा परदादा करते आ रहे हैं। हमारे लिए अमृत है। उसमें आज तक कोई रिएक्शन नही देखा है। आज भी जो कोदो यहां से लेकर रखे हैं उसको सुबह शाम मवेशी खाते हैं, उनको कोई नुकसान नहीं हो रहा है।

क्या कहा वन राज्य मंत्री ने

इस मामले में वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार से जब बात किया गया कि ग्राम सलखनिया के किसानों का कहना है कि कोदो खाने से हाथियों की मौत नहीं हुई है। तब उनका कहना है कि हम भी यही कह रहे हैं कि एक तरफ बात आ रही है कि हाथी कोदो खाये तो हम हर तरह से जांच किया है। हमारे अधिकारियों के साथ, हमारे मुख्यमंत्री ने निर्देश भी दिए थे कि ठीक से जांच हो। हमारे अधिकारी और हम कल तक रुकने वाले भी हैं। मृतक परिवार के यहां भी जाने वाले हैं। सीएम मोहन यादव ने उनको 8-8 लाख करा दिये हैं और भी जो सहयोग मुख्यमंत्री स्वेच्छा निधि से हो सकता है वह भी करवाएंगे।

गौरतलब है कि सलखनिया गांव के लोगों की माने तो जिस कोदो की फसल को पार्क प्रबंधन और वन विभाग के अधिकारियों ने उजाड़ दिया और उसको उनके पालतू मवेशी खा रहे हैं और उनको कुछ नही हुआ तो कहीं इसके पीछे जहर खुरानी का मामला तो नही है, हालांकि पूरी सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगी लेकिन इतना तो तय है कि हाथियों की मौत का मामला उलझता ही जा रहा है।

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