सहरसा। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर नगर निगम वासियों का उमंग-उत्साह चरम पर है।लोगों ने महापर्व में निगम प्रशासन से बेहतर व्यवस्था की आशा की थी लेकिन एक बार फिर छठ पर्व-त्यौहार में भी निराशा हाथ लगी है। निगम प्रशासन ने नगर क्षेत्र की भांति छठ के चिन्हित 63 पोखरों पर छठ घाटों को विहंगम स्वरूप महापर्व प्रदान करने हेतू लगभग 95 लाख रुपये की निविदा प्रदत्त की है। उसके वाबजूद भी सभी छठ घाटों की स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। पूर्व महापौर प्रत्याशी जितेन्द्र चौहान ने निगम प्रशासन की नीति रवैया के प्रति घोर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि निकाय चुनाव के लगभग दो वर्ष बीत जाने के वावजूद भी निगम प्रशासन जनभावनाओं एवं जनआंकांंक्षाओं को चकनाचूर कर नजर अंदाज कर आमजनों को आहत कर रही है। दिपावली जैसे प्रमुख पर्व में भी निगम प्रशासन के व्यवस्था से आम लोग आहत है। आस्था का महापर्व छठ में करोड़ो रूपये की राशि वहन करने वावजूद छठ घाट की साफ-सफाई, रौशनी, चुना, सीचिंग पाउडर, चजिंग रूम एवं खेळा, बेरिकेटिंग एवं चेतावनी काले बैनर जैसे मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं किया जा रहा है। जिससे आमलोग आक्रोशित है और निगम प्रशासन पर सवाल खड़ा कर रहे है कि आखिर किस आधार पर निगम प्रशासन ने निविदा को स्वीकृति प्रदान की है और किसके इशारे पर निविदा प्रदत्त एजेंसी सहरसा वासियों के साथ भद्दा मजाक कर सरकारी एजेंसी के उपयोग करने के फिराक में हैं। अगर निगम प्रशासन अपने अव्यवहारिक व असामाजिक जनविरोधी नीति में सुधार नहीं लाती है तो पूर्व की भांति नगिर निगम के भ्रष्ट्राचार मुक्त समुचित विकास के लिए सहरसा की सड़को पर निगम वासियों के सहयोग से जन कांति की हुंकार भरी जाएगी।
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