गोपेश्वर। बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात्रि नौ बजकर सात मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इस पवित्र स्थल पर चल रही पंचपूजा के तहत शुक्रवार को वेद ऋचाओं का वाचन बंद कर दिया गया है। पंचपूजा एक प्राचीन धार्मिक अनुष्ठान है जो कपाट बंद होने से पहले किया जाता है। इस दौरान भगवान बदरीनाथ को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस अनुष्ठान से देवता प्रसन्न होते हैं और क्षेत्र में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
पंचपूजा के तीसरे दिन की पंचपूजा में प्रात:काल रावल अमरनाथ नंबूदरी तथा बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा अमित बंदोलिया ने वेद उपनिषद को श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में पूजा-अर्चना के लिए रावल के सुपुर्द किया।
देर शाम धार्मिक पुस्तकों को मंदिर गर्भ गृह से धर्माधिकारी वेदपाठियों के हवाले किया गया। इसके बाद धर्माधिकारी विधिवत पुस्तकों को बंद कर दिया गया है। इसी के साथ वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल के लिए बंद हो गया। इस दौरान मंदिर में अभिषेक पूजा तथा सामान्य पूजा-अर्चना संचालित होती रहेगी।