नवादा। संतमत के प्रणेता 108 श्री महर्षि मेंही जी महाराज के पट शिष्य गुरु स्नेही स्वामी आशुतोष जी महाराज ने कहा कि गुरु कृपा से ही जीवन का उद्धार संभव है लेकिन यह साधना मानव शरीर के अलावा दूसरे जीवों से संभव नहीं हो सकता।मोक्ष की प्राप्ति केवल मानव ही दृढ़ ध्यानाभ्यास को अपनाकर कर सकता है। वे सोमवार को महर्षि मेंही सत्संग आश्रम नवादा में संतमत के सन्यासी केशवानंद बाबा के पुण्य स्मृति में उनके पुत्र छोटू व बबलू के सौजन्य से आयोजित सत्संग समारोह में प्रवचन कर रहे थे। स्वामी आशुतोष जी महाराज ने कहा कि जन्म -मरण के बंधन में बंधे रहना मानव ही नहीं बल्कि सभी जीवों के दुख का सबसे बड़ा कारण है ।जब तक जीव ईश्वर को पा नहीं लेगा ।तब तक वह दुखों से नहीं छूट सकता। उन्होंने ईश्वर स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि ईश्वर कण-कण में विद्यमान है ।इसीलिए संसार की सारी वस्तुएं ईश्वर में समाई हुई है । माैके पर दिलीप बाबा, गुडू कुमार,कृष्ण कुमार वर्मा ,रविंद्र कुमार ,कुलदीप पंडित ,महेंद्र प्रसाद, रविन्द्र कुमार , नरेश पंडित आदि उपस्थित थे ।
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