अजमेर। अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताने का दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी मिली है। कॉलर ने साेमवार रात गुप्ता को कोर्ट में दायर वाद को वापस लेने की धमकी देते हुए कहा कि केस वापस ले लो नहीं तो जान से मार देंगे। इसके बाद विष्णु गुप्ता देर रात क्रिश्चियन गंज थाने पहुंचे और शिकायत दी। धमकी भरे कॉल के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस को शिकायत देकर बताया कि वे तीन नवंबर को अजमेर आए थे। पांच नवंबर को अजमेर कोर्ट में दरगाह में मंदिर होने के दावे को लेकर पेशी है। उन्होंने अजमेर कोर्ट में एक सिविल वार्ड पेश किया गया है। इसमें उन्होंने अजमेर दरगाह में श्री संकट मोचन महादेव मंदिर होने की याचिका लगाई है। इस याचिका को लगाने के बाद से लगातार उन्हें परेशान किया जा रहा है। सोमवार को वॉट्सऐप पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने उसे कोर्ट में दायर वाद को वापस लेने के लिए धमकाया गया है। इसके साथ ही ऑडियो भेजकर गाली गलौज भी की गई है।
क्रिश्चियन गंज थाना प्रभारी अरविंद चारण ने बताया कि दिल्ली निवासी विष्णु गुप्ता ने थाने पर शिकायत दी है। इसमें उन्होंने एक अज्ञात व्यक्ति के द्वारा जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। विष्णु गुप्ता ने बताया की कॉलर ने फोन कर कहा कि तुम अजमेर आ गए हो वापस नहीं नहीं जा पाओगे। अजमेर दरगाह का केस वापस ले लो नहीं तो मारे जाओगे। गुप्ता ने बताया कि करीब 40 से 50 सैकेंड पर वॉट्सऐप पर कॉलर से बात की थी। इसके बाद उन्होंने कॉल काट दिया। लेकिन, कॉलर की ओर से उसे वॉट्सऐप पर ऑडियो भेज कर गाली गलौज की गई। इसके बाद उन्होंने अपने वकील से कॉन्टैक्ट किया और रात में थाने पहुंचे। धमकी देने वाले वही लोग है जो नहीं चाहते की अजमेर दरगाह की सच्चाई दुनिया के सामने नहीं आए। लेकिन, मैं डरूंगा नहीं और आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा।
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दरगाह परिसर को भगवान संकट मोचन महादेव विराजमान मंदिर बताने की मांग को लेकर हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने 23 सितंबर को अजमेर कोर्ट में वाद दायर किया था। गुप्ता ने दिल्ली के वकील शशि रंजन सिंह के जरिए अजमेर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका को सुनवाई के लिए लगाया था। जिसे अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या तीन की अदालत में ट्रांसफर किया गया था। यहां पीठासीन अधिकारी नहीं होने के कारण प्रकरण लिंक मजिस्ट्रेट अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो प्रीतम सिंह की अदालत में सुनवाई के लिए भेजा गया। बाद में क्षेत्राधिकार का मुद्दा आने पर सेशन न्यायाधीश ने गत पेशी में वाद की अर्जी खारिज करते हुए उसे सक्षम अदालत में वाद प्रस्तुत करने को स्वतंत्र बताया। मामले में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। याचिका में दरगाह कमेटी व अल्पसंख्यक मंत्रालय एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को पार्टी बनाया गया है।
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