हरिद्वार। प्रयागराज में अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन को लेकर कुंभ मेला प्रशासन के साथ बैठक के दौरान गुरुवार को संतों के बीच हुए विवाद के बाद बैरागी(वैष्णव) अखाड़ों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग होकर अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद को पुनर्जीवित करने का ऐलान किया है। तीन वैष्णव अखाड़ों में श्री पंच निर्मोही अणि, श्री निर्वाणी अणि व श्री दिगंबर अणि शामिल है। अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद में अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज संरक्षक, श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज अध्यक्ष और दिगंबर अखाड़े के बाबा हठयोगी महामंत्री होंगे। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने मीडिया से फोन पर बातचीत में बताया कि 2010 के हरिद्वार कुंभ में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज ने अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया था, लेकिन उनकी व्यस्तता और अन्य कारणों से परिषद का कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। वैष्णव अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बनाए गए श्री महंत राजेंद्र दास अभी तक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के एक धड़े के महामंत्री थे, जबकि महामंत्री बने बाबा हठयोगी पूर्व में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता रह चुके हैं।
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