कोटा न्यूज़ डेस्कें, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बुधवार देर शाम बड़ी कार्रवाई करते हुए 21 'डमी' स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है. इसके साथ ही 6 स्कूलों का हायर सेकेंडरी का दर्जा घटाकर सेकेंडरी कर दिया है. सीबीएसई ने यह फैसला सितंबर में राजस्थान और दिल्ली के स्कूलों में किए गए सरप्राइज इंस्पेक्शन के बाद लिया है, जिसमें कई खामियां पाई गई थीं.
नॉन अटेंडिंग एडमिशन बना कारण
सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा, 'डमी यानी प्राइवेट एडमिशन का चलन स्कूल एजुकेशन के मूल उद्देश्य के विपरीत है. इससे बच्चों के बेसिक विकास पर गलत प्रभाव पड़ता है. इस मुद्दे के समाधान के लिए हमें डमी स्कूलों को रोकने का फैसला किया है. इसके साथ ही हमनें सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को स्पष्ट संदेश दिया है कि वे डमी या नॉन अटेंडिंग एडमिशन स्वीकार न करें.'
कोटा-सीकर के 5 स्कूल शामिल
गुप्ता ने बताया कि इन डमी स्कूलों को पहले कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 30 दिन का समय दिया गया था. इस दौरान स्कूलों की तरफ से जो जवाब आए, उनकी अच्छे से जांच की गई. इसके बाद ही सरप्राइज इंस्पेक्शन के डेटा और वीडियोग्राफी सबूतों के आधार पर, 21 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई और 6 स्कूलों को डाउनग्रेड किया गया. जिन 21 विद्यालयों की मान्यता रद्द की गई है, उनमें से 16 दिल्ली में हैं, जबकि 5 राजस्थान के कोचिंग केंद्र कोटा और सीकर में हैं.
डमी एडमिशन प्रैक्टिस क्या है?
डमी एडमिशन को कुछ जगह पर प्राइवेट एडमिशन भी कहा जाता है. ज्यादातर कंपटीटिव एग्जाम की तैयारी करने वाले बच्चे इसका इस्तेमाल करते हैं. ताकि वे स्कूल सिर्फ एग्जाम देने जाएं और बाकी समय केवल अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान लगाएं. इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेस एग्जाम की तैयारी करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स डमी विद्यालयों में दाखिला लेना पसंद करते हैं. जिससे वे क्लासेस अटेंड न करके सिर्फ बोर्ड परीक्षा देने जाते हैं.
इंस्टीट्यूशन्स के कोटे पर नजर
कुछ स्टूडेंट्स इसीलिए भी डमी स्कूलों का चुनाव करते हैं क्योंकि उनका उद्देश्य कुछ राज्यों के मेडिकल और इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूशन्स में उपलब्ध कोटा हासिल करना होता है. उदाहरण के लिए, जिन अभ्यर्थियों ने दिल्ली में 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की है, उन्हें दिल्ली राज्य कोटे के तहत राष्ट्रीय राजधानी के इंजीनियरिंग और मेडिकल इंस्टीट्यूशन्स में एडमिशन के लिए पात्र माना जाता है.
इन स्कूलों की मान्यता हुई रद्द
सीबीएसई ने दिल्ली के जिन विद्यालयों की मान्यता रद्द की है उनमें नरेला के खेमो देवी पब्लिक स्कूल और द विवेकानंद स्कूल, अलीपुर का संत ज्ञानेश्वर मॉडल स्कूल, सुल्तानपुरी रोड का पी डी मॉडल सेकेंडरी स्कूल, कंजावला का सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल, राजीव नगर एक्सटेंशन स्थित राहुल पब्लिक स्कूल, चंदरविहार स्थित भारती विद्या निकेतन पब्लिक स्कूल, बापरोला स्थित आरडी इंटरनेशनल स्कूल, मदनपुर डबास स्थित हीरा लाल पब्लिक स्कूल, मुंगेशपुर का बीआर इंटरनेशन स्कूल, ढांसा रोड स्थित केआरडी इंटरनेशनल स्कूल और मुंडका स्थित एम आर भारती मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं. दिल्ली के नांगलोई स्थित तीन विद्यालयों यूएसएम पब्लिक सेकेंडरी स्कूल, एसजीएन पब्लिक स्कूल और एमडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल की भी संबद्धता समाप्त कर दी गई है.
राजस्थान के जिन 5 स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है उनमें कोटा के 3 तो सीकर के 2 स्कूल हैं. कोटा के शिव ज्योति रथ ककरा, एलबीएस स्कूल और लौड़ बुद्धा स्कॉल की मान्यता रद्द की गई है.
इन स्कूलों को किया डाउनग्रेड
सीबीएसई ने जिन स्कूलों की मान्यता को डाउनग्रेड किया है उनमें आदर्श जैन धार्मिक शिक्षा सदन, बीएस इंटरनेशनल स्कूल, भारत माता सरस्वती बाल मंदिर, चौधरी बलदेव सिंह मॉडल स्कूल, ध्रुव पब्लिक स्कूल और नवीन पब्लिक स्कूल शामिल हैं. ये सभी स्कूल दिल्ली में हैं.
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