जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान का विश्व प्रसिद्ध सांभर झील, जो नमक उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध है. इस झील में सुदूर सात समुंदर पार करके हजारों परिंदे भी अपना पेट भरने के लिए आते हैं. लेकिन अब इसी सांभर झील में 26 अक्टूबर से अब तक 'एवियन बोटुलिज्म' नामक बीमारी के कारण 500 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उपचार के बाद करीब 38 पक्षियों को झील में छोड़ा गया. केंद्रीय एवियन अनुसंधान संस्थान, बरेली से आई जांच रिपोर्ट में प्रवासी पक्षियों की मौत की पुष्टि हुई है. जांच में पता चला है कि पक्षियों की मौत 'बोटुलिज्म' के कारण हुई है.
'बोटुलिज्म' से 520 पक्षियों की मौत
उपखंड अधिकारी जीतू कुल्हारी ने कहा, 'हमें 26 अक्टूबर को पक्षियों की मौत के बारे में पता चला. तब से अब तक 'बोटुलिज्म' के कारण 520 पक्षियों की मौत हो चुकी है. प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट में बोटुलिज्म की पुष्टि हुई है. बोटुलिज्म एक गंभीर न्यूरोमस्कुलर बीमारी है. यह बीमारी पक्षियों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे उनके पंख और पैर लकवाग्रस्त हो जाते हैं'.
वन विभाग की टीम कर रहीं उपचार
कुल्हारी ने बताया कि मृत और बीमार पक्षियों को झील क्षेत्र से हटाया जा रहा है. SDRF, पशुपालन, वन विभाग और प्रशासन की 10 टीमों के सदस्य झील क्षेत्र में बचाव और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि बीमार पक्षियों का बचाव कर मीठड़ी में बनाए गए राहत केंद्र में लाया जा रहा है, जहां पशुपालन और वन विभाग की टीमें उनका उपचार कर रही हैं.
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