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Sawai madhopur अमली सफारी पार्क का निर्माण जल्द होगा क्रियान्वित

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सवाई माधोपुर न्यूज़ डेस्क, करीब नौ साल पहले सरकार ने रणथंभौर बाघ परियोजना से सटे आमली वन खंड में सफारी पार्क विकसित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए आमली वन क्षेत्र में रणथंभौर बाघ परियोजना को कुल 900 हेक्टेयर भूमि भी आवंटित की गई थी। इसमें से 600 हेक्टेयर में सफारी पार्क विकसित किया जाना था। इसके लिए वन विभाग की ओर से काम भी शुरू कर दिया गया था। हालांकि बाद में सरकार बदल जाने और बजट जारी नहीं होने के कारण आमली सफारी पार्क विकसित नहीं हो सका। अब करीब नौ साल बाद वन विभाग आमली में सफारी पार्क विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए वन विभाग की ओर से एक फर्म को टेंडर भी जारी कर दिया गया है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग की ओर से करीब आठ से दस जेसीबी की मदद से यहां जूली फ्लोरा को हटाने का काम किया जा रहा है। वर्ष 2014-2015 में बनी थी यह योजना

इससे पहले वर्ष 2014-15 के आसपास तत्कालीन सरकार ने रणथंभौर से सटे आमली में सफारी पार्क विकसित करने की घोषणा की थी। इसके तहत रणथंभौर बाघ परियोजना के तहत भूमि भी आवंटित की गई थी। उस समय तत्कालीन सरकार की मंशा आमली में सफारी पार्क विकसित कर करीब तीन बाघों को सफारी पार्क में शिफ्ट करने की थी। इसके लिए आमली सफारी पार्क में तीन बाड़े भी विकसित किए जाने थे।

इसके लिए सरकार की ओर से 110 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था, लेकिन बाद में बजट आवंटित न होने के कारण मामला अटक गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह था कि कई बार रणथंभौर पार्क में आने वाले कई पर्यटकों को सफारी के बाद भी बाघ देखने को नहीं मिल पाते थे। ऐसे में सफारी पार्क बनने के बाद रणथंभौर आने वाले सभी पर्यटक आसानी से बाघों को देख सकेंगे और वन विभाग व सरकार की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

900 हेक्टेयर में विकसित होगा वन क्षेत्र

वन अधिकारियों ने बताया कि आमली वन क्षेत्र में पहले से ही भालू, पैंथर, सियार आदि जंगली जानवरों का आवागमन रहता है। ऐसे में अब विभाग यहां जूली फ्लोरा को हटाने का काम कर रहा है। यह काम करीब 900 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जाएगा।

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