जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर प्रदेश का सबसे बड़ा हॉस्पिटल सवाई मानसिंह (एसएमएस) का प्रशासन मरीजों की सुरक्षा को लेकर कोई संजीदा नहीं है। यही कारण है कि हॉस्पिटल हो या मेडिकल कॉलेज जब भी कोई आगजनी की घटना होती है। उसमें मरीजों और प्रशासन को नुकसान और परेशान होना पड़ता है। इसके पीछे कारण फायर सेफ्टी का अभाव है।अस्पताल प्रशासन कितना लापरवाह है कि वहां लगे फायर फाइटिंग सिलेंडर तक की मेंटिनेंस नहीं कर पा रहा। हालात ये है कि कॉलेज प्रिसिंपल के ऑफिस के बाहर भी लगा फायर फाइटिंग सिलेंडर एक्सपायर हो चुका है। ये तब है जब हर साल हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज प्रशासन इन पर हजारों-लाखों रुपए रखरखाव के खर्च करता है।
बांगड़ परिसर से सिलेंडर गायब, लगे हुए सिलेंडर हुए एक्सपायरी
बांगड़ परिसर में न्यूरोलॉजी और कार्डियक के मरीजों की आईपीडी है। यहां हर समय 100 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते है। लेकिन हालात ये है कि न तो यहां वार्डों में फायर फाइटिंग के पर्याप्त उपकरण है और न ही आग लगने पर उनको बुझाने के लिए फायर फाइटिंग सिलेंडर।जो सिलेंडर एक-दो वार्डो में लगे है वह दो-तीन साल पहले ही एक्सपायर हो चुके है। उन पर लिखी एक्सपायरी डेट की पर्ची भी फाड़ दी है। वहीं कुछ जगह से तो सिलेंडर भी हटा लिए है।
स्वास्थ्य मंत्रालय 4 बार जारी कर चुका है एडवाइजरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसी साल चार बार अलर्ट नोटिस भेजकर हॉस्पिटलों में फायर फाइटिंग सिस्टम को अपडेट करने और एक्सपायर उपकरणों को रिप्लेस करने के निर्देश दे चुका है। लेकिन सरकार के इन आदेशों को भी नज़रअंदाज कर दिया है। इसके अलावा 18 नवंबर को भी पांचवी बार मंत्रालय ने रिमाइंडर नोटिस जारी किया है।
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