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Sirohi यहाँ प्रतिमा के दर्शन के लिए 9 दिन रहेगी श्रद्धालुओं की भीड़

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सिरोही न्यूज़ डेस्क, सिरोही नवरात्रा महोत्सव पर लोग तरह-तरह की मूर्तियां खरीदकर पांडालों व घरों में स्थापना करते हैं, लेकिन जावाल में पिछले 21 वर्ष से हर साल घी से प्रतिमा बनाई जाती हैं, जो कि जिलेवासियों के लिए आकर्षक का केन्द्र रहती है। यहां नवरात्रा महोत्सव भी विशेष तरह से उत्साह से मनाया जाता है। हर साल चामुंडा गरबा मंडल के तत्वावधान में जन सहयोग से यहां अलग-अलग देवी-देवताओं की घी से प्रतिमा बनाई जाती है, जो नवरात्रा महोत्सव में आकर्षक का केंद्र बनी रहती हैं। घी से निर्मित प्रतिमाओं के दर्शन के लिए क्षेत्र समेत दूर दराज व अन्य राज्यों से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं। इस वर्ष नंदी के साथ मां पार्वती व शिवजी भगवान की 251 किलो से घी से प्रतिमा का निर्माण किया गया है।नवरात्र के आगाज के साथ ही यहां प्रतिमा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी हैं। यह सिलसिला 9 दिन तक जारी रहेगा।

गुजरात के कारीगर बनाते हैं घी की प्रतिमाएं

महोत्सव के दौरान जावाल में घी की प्रतिमाएं बनाने के लिए गुजरात के खेड़ा जिले से कारीगरों की टीम को बुलाया जाता है, जो कि एक सप्ताह तक दिन रात मेहनत कर प्रतिमा तैयार करती हैं।

नवरात्रा तक ठंड में रखते हैं घी की प्रतिमा

घी से बनी प्रतिमाओं को ठंडा रखने के लिए वातानुकूल पांडाल बनाया जाता है। जहां कमरे में रखी घी मूर्तियों को ठंडा रखने के लिए दोनों तरफ कूलर लगाकर माइनस 0 से -1 डिग्री तापमान में रखा जाता है। ताकि प्रतिमाएं पिघले नहीं।

21 साल में इन देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बना चुके

चामुंडा गरबा मंडल के नारायण लाल सुथार ने बताया कि 2003 से हर नवरात्र में घी से प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। अब तक महाकाली, अबे माता, महिषासुर मर्दिनी, मां पार्वती-शिवजी आराधना करते हुए, रामेश्वर में श्री राम शिवलिंग की पूजा करते हुए, बाबा रामदेव, हरजी भाटी, डाली बाई समेत कई मूर्तियां बना चुके हैं। इस बार नंदी के साथ मां पार्वती व शिवजी भगवान की 251 किलो से घी से प्रतिमा का निर्माण किया गया है।

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