चूरू न्यूज़ डेस्क, बीकानेर रेल मंडल के महत्वपूर्ण रतनगढ़ रेलवे स्टेशन पर वाशिंग लाइन के प्रस्ताव को उत्तर-पश्चिम रेलवे ने यह कहकर नकार दिया कि ईएमयू (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) सेवा के बाद थोड़ी-थोड़ी दूरी पर ट्रेनों का रखरखाव नहीं हो सकता है। उत्तर-पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर ने रेल कोच बनाने वाली चेन्नई मिल को पत्र लिखकर जानकारी दी है। इसकी सूचना रेलवे बोर्ड को भी दी है।उत्तर-पश्चिम रेलवे के इस जवाब के बाद जिले के रतनगढ़ स्टेशन पर वाशिंग लाइन बनने की संभावना पर फिलहाल पानी फिर गया है। बतादें कि आमान परिवर्तन से पहले रतनगढ़ में 10 कोच की वाशिंग लाइन थी। आमान परिवर्तन के बाद जिले के जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों ने बीकानेर रेल मंडल को पत्र लिखकर रतनगढ़ में वाशिंग लाइन शुरू करवाने की मांग की है, जिस पर बीकानेर रेल मंडल ने उत्तर-पश्चिम रेलवे को पत्र लिखा, पर उत्तर-पश्चिम रेलवे ने बीकानेर-जोधपुर मंडल से जुड़े अधिकतर स्टेशनों से इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन का जिक्र करते हुए कहा कि इन ट्रेनों की स्पीड तेज होती है तथा बीच के स्टेशनों पर ट्रेनों का लंबा ठहराव संभव नहीं है। रतनगढ़ में वाशिंग लाइन की सुविधा होती तो यहां से नई ट्रेनों का संचालन होता।रतनगढ़, चूरू व सादुलपुर में से किसी एक स्टेशन पर वाशिंग लाइन बनाने के लिए रेल मंत्री एवं रेलवे अधिकारियों के सामने कई बार तर्क सहित तथ्य प्रस्तुत किए। रेलवे बीच के स्टेशन बताकर हर बार-बार बहाने बनाता रहा है। अब रेलवे अधिकारियों पर दबाव बनाया जाएगा।
-राहुल कस्वां, सांसद चूरू फिलहाल बीकानेर रेल मंडल में बीकानेर, लालगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, हिसार में वाशिंग लाइन है। रतनगढ़ से बीकानेर-हिसार की दूरी 135 से 150 किमी तक है। रतनगढ़ में वाशिंग लाइन बनने से दिल्ली, जयपुर, अजमेर, भिवानी, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, रेवाड़ी, हिसार में 15-15 घंटे लाइ ओवर करने वाली ट्रेनों को यहां तक विस्तार किया जा सकता है। बतादें कि वाशिंग लाइन नहीं होने के कारण रेलवे नई ट्रेनों की सुविधा नहीं देता। ऐसे में उसको रेस्ट देने के लिए वाशिंग लाइन की जरूरत होती है। इसमें ट्रेन को धोने से लेकर मेंटेनेंस आदि कार्य किए जाते हैं। एक ट्रेन इसमें 4 से 6 घंटे का समय लेती है। रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य अनिल खटेड़ का कहना है कि बीकानेर मंडल के सभी टर्मिनल अपनी पूर्ण केपिसिटी से काम कर रहे हैं, इसलिए रतनगढ़ में वाशिंग लाइन आवश्यक है।
रतनगढ़ के समान मध्यम श्रेणी के स्टेशन जैसे हिसार, भिवानी, हनुमानगढ़ में वाशिंग लाइन है। रेलवे का तर्क है कि रतनगढ़ के पास ही बीकानेर और हिसार है, जहां पहले ही वाशिंग लाइन स्थापित है, खटेड़ का कहना है कि जब हिसार में वाशिंग लाइन बनी, तब भिवानी पास ही था और हनुमानगढ़ में बनी तब श्रीगंगानगर पास ही था। बतादें कि रतनगढ़ के 100 किमी के दायरे में सरदारशहर, राजलदेसर, पड़िहारा, छापर, बीदासर, सुजानगढ़, लाडनूं कस्बे है, जहां बड़ी संख्या में प्रवासियों का आवागमन होता है। सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि रतनगढ़ से 8 किमी दूर लोहा स्टेशन के पास पर्याप्त भूमि है, जहां बीकानेर रेल मंडल वाशिंग यार्ड बना सकता है। वाशिंग लाइन होने पर ये नुकसान : रतनगढ़ में वाशिंग लाइन नकार देने के बाद अब रेवाड़ी, हिसार सहित अन्य बड़े स्टेशन पर बेवजह 15 से 20 घंटे ठहराव करने वाली ट्रेनों को रतनगढ़ लाना संभव नहीं होगा। वाशिंग लाइन नहीं होने से रोजगार सृजन का अवसर नहीं मिलेगा। रेलवे गार्ड, लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, टीटी, डीजल मेचेनिक, डीजल मैकेनिक, रेलवे हॉस्पिटल स्टाफ, क्रेन, खलासी, पेट्रोलिंग टीम, लोको लॉबी के स्टाफ में भी बढ़ोत्तरी भी नहीं होगी। रतनगढ़ में वाशिंग लाइन के बारे में उत्तर-पश्चिम रेलवे के नकार देने के बाद अब यात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं जैसे रतनगढ़ से किसी लंबी दूरी की ट्रेन का संचालन सहित अन्य सुविधाएं नहीं मिल सकेगी।
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