दरअसल 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों पर रोक लगी थी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर 11 नवबर तक देवशयन दोष है। इसके बाद एकादशी पर 12 नवबर को देव प्रबोधिनी एकादशी देवउठनी पर विवाह आदि मांगलिक कार्य प्रारभ हो जाएंगे। 15 दिसंबर को मलमास शुरू हो जाएगा, जो 14 जनवरी तक रहेगा। इसके बाद फिर से शादी-ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
तुलसी विवाह का महत्व
तुलसी को विष्णु प्रिया भी कहा जाता है। अत: देवउठनी एकादशी पर देवता जब जागते हैं तो सबसे पहली प्रार्थना तुलसी की ही सुनते हैं। तुलसी विवाह का अर्थ है तुलसी के माध्यम से भगवान का आह्वान करना। शास्त्रों में भी उल्लेख है कि जिन दंपती के कन्या नहीं होती, वे एक बार तुलसी का विवाह कर कन्यादान करें।
सोने-चांदी के दामों में गिरावट
जिन परिवारों में आगामी दिनों में शादियां हैं, उनके लिए खुशखबर है कि सोने-चांदी के दामों में भारी गिरावट आई है। सोना प्रति दस ग्राम 1200 रुपए तथा चांदी प्रतिकिलो 4400 रुपए सस्ती हो गई है। दाम कम होने से सर्राफा बाजार में खरीदारी बढ़ने की संभावना है। कपड़ा बाजार में भी खरीदारी बढ़ने वाली है।
नवंबर और दिसंबर में विवाह की तिथियां
12 नवबर, 13 नवबर, 16 नवबर, 17 नवबर, 22 नवबर, 23 नवबर, 25 नवबर, 26 नवबर, 28 नवबर, 29 नवबर, 3 दिसबर, 04 दिसबर, 05 दिसबर, 09 दिसबर, 10 दिसबर, 11 दिसबर, 13 दिसबर, 14 दिसबर विवाह की तिथियां हैं।
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