जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ दिनों में भारतीय वायुसेना का सेवानिवृत्त लड़ाकू विमान मिग-23 यूबी फ्लॉगर फिर से आसमान में नजर आएगा। वायुसेना के पास वर्तमान में दो मिग-23 यूबी विमान हैं। इनके रखरखाव और फ्लाइंग केपिबिलिटी के लिए वायुसेना की मेंटेनेंस एयरकमाण्ड ने एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी किया है।इच्छित कम्पनी के आगे आने पर मिग-23 यूबी को हेरिटेज विमान के रूप में तैयार किया जाएगा ताकि वायुसेना के समारोह, राष्ट्रीय समारोह, परेड इत्यादि अवसरों पर लोगों को लड़ाकू विमानों का बीता हुआ कालक्रम दिखाया जा सके। मिग-23 यूबी अंतिम बार दो महीने पहले जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर तरंगशक्ति युद्धाभ्यास के समय सार्वजनिक रूप से नजर आए थे।
शीत युद्ध का था हीरो
मिग-23 यूबी की तेज स्पीड और शक्तिशाली हथियारों से लैस होने के कारण शीत युद्ध में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। अमरीका समर्थित नाटो देशों ने उस समय इसे फ्लॉगर नाम दिया था, क्योंकि इसके पंखों को एडजस्ट करके स्पीड बढ़ाई जा सकती थी। यह उस समय एडवांस राडार और विजुअल रेेंज के बाहर हमला करने वाली मिसाइलों से लैस था।
भारतीय वायुसेना की ताकत थे
रूस से खरीदे गए मिग-23 अस्सी के दशक के शुरुआती चरण में भारतीय वायुसेना की ताकत थे। इनकी सेवानिवृत्ति एक क्रम के रूप में की गई थी। अंतिम मिग-23 एमएफ संस्करण मार्च 2007 में रिटायर हो गया। उसके बाद मार्च 2011 में मिग-23 बीएनएस रिटायर कर दिया गया। हालांकि विशेष भूमिकाओं के लिए दो मिग-23 यूबी अभी भी हैं, जो ट्रेनिंग ऑपरेशन में काम में लिए जा रहे हैं।
मिग-27 के पायलट को प्रशिक्षण देते थे
भारतीय वायुसेना में पांच साल पहले तक मिग-23 यूबी की संख्या दो या तीन थी। इनका उपयोग मिग-27 के पायलट को ट्रेनिंग के लिए किया जाता था। वर्ष 2019 में मिग-27 की अंतिम स्क्वाड्रन जोधपुर एयरबेस से ही रिटायर हुई थी। ऐसे में अब मिग-23 यूबी का उपयोग बहुत कम बचा है।
You may also like
IND vs SA: एशिया कप में जलवा दिखाने वाला धाकड़ ऑलराउंडर कर सकता है T20 डेब्यू, साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहला मुकाबला होगा रोमांचक!
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से भारत को इन मोर्चों पर हो सकती हैं मुश्किलें
Jaipur वार्डों का पुनर्सीमांकन होगा, निगम का दायरा भी बढ़ेगा
EICMA 2024: Hero MotoCorp ने पेश किया नया VIDA Z इलेक्ट्रिक स्कूटर
इस खतरनाक कैंसर से जूझ रही थी लोक गायिका शारदा सिन्हा, जानिए क्यों जरूरी है कैंसर को लेकर सतर्कता