जयपुर न्यूज़ डेस्क, द्रव्यवती के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए सुशीलपुरा पुलिया के पास बनाए जा रहे एसटीपी प्लांट प्रोजेक्ट को लेकर जेडीए को बड़ा झटका लगा है। जेडीए ट्रिब्यूनल ने एसटीपी प्रोजेक्ट को खातेदारी जमीन पर लगाने से रोक लगा दी है। जेडीए ने बिना अवाप्ति प्रक्रिया के खातेदारी जमीन पर 41 करोड़ के 20 एमएलडी क्षमता के एसटीपी निर्माण का टेंडर जारी कर दिया था।इस पर खातेदार ने ट्रिब्यूनल में याचिका लगाई थी। शुक्रवार को ट्रिब्यूनल सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि खातेदार के खसरों पर बिना अवाप्ति प्रक्रिया के एसटीपी प्लांट स्थापित नहीं करें। जेडीए ने 2012 में जमीन का कब्जा लेने का शपथ पत्र दिया, लेकिन कब्जा लेने से संबंधित दस्तावेज ही पेश ही नहीं कर पाया। ऐसे में कोर्ट ने खातेदार को संपत्ति के अधिकारी से बेदखल करना मानते हुए यह आदेश दिए।
अधिवक्ता हनुमान शर्मा ने बताया कि जेडीए इंजीनियरिंग विंग ने द्रव्यवती से लगती जमीन को जेडीए की मानकर 20 एमएलडी एसटीपी क्षमता का प्रोजेक्ट तैयार कर लिया। जबकि द्रव्यवती से लगती जेडीए के खसरा की केवल 800 वर्गमीटर भूमि ही है।इसी से लगते खसरा नंबर 160, 162, 163, 164, 166, 168 और 169 खातेदारी जमीन राजस्व रिकॉर्ड में खातेदारों के नाम दर्ज है। जेडीए ने स्वयं की जमीन के साथ खातेदारों की 4500 वर्गमीटर जमीन पर बिना अवाप्ति प्रक्रिया के सिर्फ खातली किस्म होने पर ही सरकारी मानकर काम शुरू कर दिया था, जबकि पूर्व में इस जमीन की किस्म सिंचित थी। खातेदारों ने सेटलमेंट विभाग ने सीमाज्ञान की अपील लगाई थी। वहीं, जेडीए ने खसरों का सीमाज्ञान करवाए बिना ही निर्माण शुरू कर दिया था।
अभी सुशीलपुरा पुलिया से नाले का पानी द्रव्यवती में गिरता रहेगा
जेडीए के पास द्रव्यवती से लगती 800 वर्गमीटर जमीन है। ट्रिब्यूनल ने इस खसरे में प्लांट लगाने के लिए कहा है, लेकिन प्रोजेक्ट 5 हजार वर्गमीटर का है। ऐसे में द्रव्यवती में दूषित पानी बहता रहेगा, जबकि हाल में यूडीएच सेक्रेटरी वैभव गालरिया ने द्रव्यवती का दौरा कर अधिकारियों को जल्द से जल्द ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू करने के निर्देश दिए थे।
जेडीए 3 साल से सुशीलपुरा पुलिया के पास एसटीपी प्लान कर रहा
जेडीए का सुशीलपुरा पुलिया पर 20 एमएलडी का एसटीपी प्रस्तावित है। जेडीए अधिकारी तीन साल से पुलिया के पास एसटीपी की प्लानिंग कर रहे थे। सुशीलपुरा से गुजरने वाली सीवर लाइन का गंदा पानी सीधा द्रव्यवती में गिरता है। इसके अलावा कई कॉलोनियों का सीवरेज सीधे गिरता है। जेडीए यदि अवाप्ति प्रक्रिया से खातेदारों को मुआवजा देकर जमीन लेता और फिर एसटीपी प्लांट बनाता तो यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता।इस इलाके में सीवरेज सीधे द्रव्यवती में गिरने से बदबू रहती है और आसपास रहने वाली करीब दो लाख से अधिक आबादी प्रभावित होती है। हालांकि द्रव्यवती पर 170 एमएलडी क्षमता के पांच एसटीपी प्लांट बने हुए हैं, जो दूषित पानी को ट्रीट कर रहे हैं।बिना सीमाज्ञान प्रोजेक्ट शुरू कर दिया; खातेदार रामकुमार, माया देवी और योगेश की तरफ से जेडीए ट्रिब्यूनल रेफरेंस याचिका लगाई। ट्रिब्यूनल ने जमीन की सीमाज्ञान रिपोर्ट आने तक प्रोजेक्ट पर स्टे लगाया था।