किसानों की यह पीड़ा
आसपुर ब्रांच केनाल में हेड के गांव रामा के कृषक सुरेंद्रसिंह चौहान का कहना है कि विभाग जब तक सभी नहरों व शाखा नहरों की सिरे से रिमॉडलिंग का एक्शन प्लान हाथ में नहीं लेगा, तब तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा। दांयी मुख्य नहर के टेल के कृषक रघुनाथसिंह चावड़ा पडौ़ली ने बताया कि 25 वर्षों से टेल के गांवों में सिंचाई के लिए पानी की समस्या बनी हुई है। हर वर्ष समस्या से अब हम भी परेशान हो गए हैं।
कचरे से अटी पड़ी है माही की नहरें
साबला माही बजाज सागर सिंचाई परियोजना से निकल रही सागवाड़ा भीखाभाई माही नहर कचरे, मलबे व झाड़ियों से अटी पड़ी हुई है।नहरों व वितरिकाओं की साफ सफाई को लेकर विभाग ने अब तक पहल नही की हैं, जबकि रबी की बुआई का समय भी नजदीक है। वालाई, मायला, खानन, रीछा, लेमबाता, सागोट सहित अन्य गांवों के काश्तकारों ने बताया कि पहले बारिश कम होने एवं बाद में अतिवृष्टि होने से फसलों को नुकसान हुआ।
अब रबी की फसलों का समय नजदीक होने से खेतों में कटाई कर साफ सफाई पूरी कर जुताई का कार्य जारी है, लेकिन जलसंसाधन विभाग ने माही की मुख्य नहर के साथ वितरिकाओं में उगी झाड़ियों, मलबे को साफ नहीं करायरा है। किसानों ने समस्या के जल्द समाधान की मांग की हैं। वरन जल प्रवाह के दौरान खेतों में पानी आ जाएगा।
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