डिपो से गेहूं उठाव की व्यवस्था बेपटरीआरटीओ की ओर से दिसंबर तक दो महीने में क्यूआर कोड जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन करने वाले चालकों को क्यूआर कोड दिए जाएंगे। इसके लिए डीओआइटी की ओर से एक सॉटवेयर तैयार करवाया जा रहा है। सॉटवेयर तैयार होने के बाद ई-रिक्शा चालकों से आवेदन करवाए जाएंगे। आवेदन करने वाले चालकों को ही क्यूआर कोड जारी होंगे।
एक ही व्यक्ति के नाम से चल रहे 10 से 15 ई-रिक्शा
आरटीओ अधिकारियों की मानें तो जयपुर शहर में करीब 15 हजार से अधिक ई-रिक्शा अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। यानी एक व्यक्ति के नाम 10 से 15 ई-रिक्शा चल रहे हैं। इसके अलावा एक ही नंबर के 10-10 ई-रिक्शा चल रहे हैं। ऐसे में आरटीओ की ओर से एक व्यक्ति एक ही ई-रिक्शा के आधार पर ही क्यूआर कोड जारी किए जाएंगे। इस हिसाब से शहर से करीब 15 से 20 हजार ई-रिक्शा बाहर हो जाएंगे।
जोन-1 : जयपुर उत्तर डीसीपी कार्यालय के 9 थाना क्षेत्र शामिल।कलर कोड- गुलाबी , 8500 ई- रिक्शा चलेंगे।
जोन 2: जयपुर पूर्व डीसीपी कार्यालय क्षेत्र में 13 पुलिस थाने शामिल।कलर कोड- हल्का हरा, 7500 ई-रिक्शा चलेंगे।
जयपुर सेंट्रल के जोन 3 में 12 थाना क्षेत्र शामिल।कलर कोड- आसमानी, 7500 ई- रिक्शा चलेंगे।
जयपुर दक्षिण डीसीपी के जोन 4 में 7 थाना क्षेत्र शामिल।कलर कोड- केसरिया, 8500 ई -रिक्शा चलेंगे
जयपुर पश्चिम डीसीपी के जोन 5 में 11 पुलिस थाने शामिल।कलर कोड- हल्का पीला, 7500 ई-रिक्शा चलेंगे
जयपुर मेट्रो के स्टेशनों के क्षेत्रकलर कोड- सफेद, 500 ई-रिक्शा चलेंगे
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