अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर शहर में जल्द नई ई-बसों का संचालन शुरू होगा। करीब 30 बसों के संचालन से पर्यावरण प्रदूषण घटेगा। साथ ही संचालन लागत भी करीब आधी हो जाएगी। राज्य सरकार ने अजमेर सहित विभिन्न शहरों में ई-बसों के संचालन की घोषणा की है। शहर को करीब 40 ई-बस मिलेंगी। इन बसों के संचालन के बाद वर्तमान में नगर निगम की डीजल संचालित नगरीय परिवहन बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा।
बढ़ाने पड़ेंगे चार्जिंग स्टेशन
शहर में फिलहाल ज्यादा चार्जिंग स्टेशन नहीं हैं। ई-बसों के संचालन होने पर शहर में 10 से 15 जगह ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने जरूरी होंगे। इसके बाद ही बसों के संचालन में सहूलियत होगी।
पर्यावरण होगा सुरक्षित
ई-बसें अथवा ई-व्हीकल पर्यावरण के लिए लाभदायक हैं। 2035 तक कार्बन उत्सर्जन में 30 प्रतिशत की कमी लाने के लिए इनका संचालन बढ़ना जरूरी है। तभी जैव विविधता और पर्यावरण सुरक्षित होगा।
डॉ. आलोक चतुर्वेदी, केमिस्ट्री विशेषज्ञ कॉलेज शिक्षा निदेशालय
ई-बसों की यह होगी खासियत
●ई-बसों के 1 किलोमीटर दूरी तय करने पर सवा यूनिट बिजली खपत होगी। इसकी लागत करीब 22 से 24 रुपए होगी। जबकि डीजल बस में खर्चा 90 से 110 रुपए आ रहा है।
●एक ई-बस एक साल में दो लाख किलोमीटर चलेगी। साथ ही 5 हजार टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन रोकेगी।
●एक बार चार्ज होने के बाद ई-बस करीब 250 किलोमीटर चल सकेगी। इसके लिए चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित होंगे।
डीजल, सीएनजी और ई-बस में फर्क
●सीएनजी से संचालित बस 1 किलो सीएनजी से 6 किलोमीटर का एवरेज देती है। ई-बस में प्रतिकिलोमीटर केवल सवा यूनिट बिजली की खपत होगी।
●ई बसों को प्रतिदिन अधिकतम 300 किलोमीटर तक संचालित किया जा सकेगा। इस पर करीब 2200 रुपए खर्च होंगे। जबकि डीजल संचालित बसों में खर्चा 2 से 5 हजार रुपए तक आता है।
अभी यह है हालात
●डीजल-पेट्रोल संचालित वाहनों से 115 से 125 प्रतिशत तक प्रदूषण
●कार्बन डाइ ऑक्साइड का 70 प्रतिशत हो रहा उत्सर्जन
●नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन की भागीदारी 52 प्रतिशत तक
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