इस संबंध में एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सीएल नवल ने बताया कि ओपीडी में रोजाना दो हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, जिनमें अधिकतर मौसमी और मच्छर जनित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। यह सिलसिला लगभग डेढ़ महीने से जारी है, लेकिन हाल के दिनों में कई मरीजों में डेंगू के साथ चिकनगुनिया और कुछ में चिकनगुनिया के साथ स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई है। इनमें से कई मरीजों को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया है और उन्हें तुरंत आइसीयू में भर्ती करना पड़ा है। डेंगू और स्क्रब टाइफस के कारण कई मरीज गहरी बेहोशी या कोमा में आ गए हैं और कुछ मरीजों में किडनी और लिवर फेल्योर भी देखा गया है। कुछ मामलों में हार्ट पर भी असर पड़ा है, जिससे मरीजों को पूरी तरह स्वस्थ होने में लंबा वक्त लग रहा है।
बुखार का खतरा
चिकित्सकों के अनुसार, इस समय कई प्रकार के वायरस सक्रिय हैं, जिससे बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। वर्तमान में बुखार से पीड़ित मरीजों की संया गत माह की तुलना में 25 प्रतिशत तक बढ़ गई है। कुछ लोगों में वायरल फीवर है, तो कुछ में डेंगू, मलेरिया और स्वाइन लू के कारण बुखार देखा जा रहा है। इस स्थिति से सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को हो रही है, क्योंकि बुखार से मुक्त होने में तीन से पांच दिन लग जाते हैं।
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