जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में वैसे तो 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है. वहीं कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है. लेकिन इनमें से एक चौरासी विधानसभा सीट जहां बीजेपी मात देकर भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के राजकुमार रोत ने बाजी मारी थी. अब रोत के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है. लेकिन अब जब उपचुनाव है तो इस सीट के लिए BAP के साथ-साथ बीजेपी के अलावा कांग्रेस भी मैदान में उतर गई है. यानी यहां साफ तौर पर त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है. ऐसे में चौरासी विधानसभा सीट न केवल BAP के लिए बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए भी चुनौती से भरी है. अब जीत के लिए तीनों पार्टियां बिगड़े समीकरण के लिए गुणा-गणित लगा रही है.
चौरासी विधानसभा सीट पर अब सबकि निगाहें टिकी हैं. हाल के कुछ सालों में इस सीट ने राजनीतिक रूप से खूब हलचल पैदा की है. इसलिए यह हॉट सीट बनी रहती है. हालांकि फसल कटाई के मौसम में जनता चुनावी सभाओं से दूर है लेकिन फले और ढाणियों में हर कोई जीत हार का गुणा गणित लगा रहा है. उम्मीदवार भी लोगों को रिझाने में जुटे हैं. पार्टियों ने अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है.
रोत के सहारे BAP के उम्मीदवार अनिल कटारा
डूंगरपुर की चौरासी सीट राजकुमार रोत के सांसद बनने से खाली हुई है. वे पिछली दो बार से यहां से विधायक थे. 2023 के चुनाव में प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे. फिर सांसद भी बन गए और यहां उपचुनाव हो रहे हैं. इस बार तीनों पार्टियों ने यहां नए चेहरे को मैदान में उतारा है. आदिवासी पार्टी ने यहां अनिल कटारा को उम्मीदवार बनाया है. अनिल अभी जिला परिषद के सदस्य है. पार्टी राजकुमार रोत के कामकाज, आदिवासी पहचान, अस्मिता की राजनीति के सहारे मैदान में है. अनिल को उम्मीद है कि बाप इस बार भी 2023 के चुनाव की तरह ही जीत दर्ज करेगी.
बीजेपी के कारीलाल निनोमा को डबल इंजन का सहारा
बीजेपी इस सीट पर बाप के उम्मीदों पर पानी फेरने की तैयारी में है. आदिवासी नेता और मौजूदा सरकार में जनजातीय क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी यहां आदिवासियों के बीच जाकर उन्हें डबल इंजन की सरकार में बीजेपी विधायक होने के फायदे गिना रहे हैं. बीजेपी ने यहां सीमलवाड़ा के प्रधान कारीलाल निनोमा को उम्मीदवार बनाया है. वे अपनी सभाओं में बाप पर आदिवासी युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाते हैं. वे कहते हैं कि आदिवासी इस बार बीजेपी के साथ जायेंगे.
कांग्रेस के महेश रोत को युवाओं से उम्मीद
दोनों पार्टियों के बीच कांग्रेस भी इस सीट की लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की जुगत में है. कांग्रेस ने यहां से युवा चेहरे और सरपंच महेश रोत को उम्मीदवार बनाया है. वे छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं. यूथ कांग्रेस के महासचिव भी रहे और अब विधानसभा पहुंचना चाहते हैं. लेकिन कांग्रेस के कुंद पड़े संगठन के भरोसे सीट जीतना आसान नहीं है. हालांकि महेश युवाओं के भरोसे जीत का दावा करते हैं.
क्या है वोटरों का समीकरण
इस सीट पर 2 लाख 55 हजार 401 मतदाता वोट करेंगे
इनमें 1 लाख 30 हजार 637 पुरुष मतदाता हैं
महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 24 हजार 763 है
चुनाव आयोग ने इसके लिए 244 मुख्य और 7 सहायक बूथ बनाए हैं
तीनों पार्टियों के दावे और वादे के बीच जनता के बुनियादी मुद्दे कम ही सुनाई देते हैं. इलाके के लोग अभी भी सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पानी की समस्या काफी गंभीर है.
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