भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, भीलवाड़ा जब भगवान हमारे साथ हो तो फिर चिंता की कोई बात नहीं हो सकती। जीवन में भगवान की नजर से कभी मत उतरना भले संसार की नजर में कैसे भी हो जाओ। भगवान की नजर में बने रहे तो जीवन धन्य हो जाएगा। नींद से जाग जाओ ओर याद रखो, ये संसार मुसाफिरखाना है। एक दिन छोड़ इस भव से जाना है।ये विचार कथावाचक राजन महाराज ने श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर ट्रस्ट एवं श्री रामकथा सेवा समिति भीलवाड़ा के देखरेख में नगर निगम के चित्रकूटधाम में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्री रामकथा महोत्सव के छठे दिन कथावाचन के दौरान व्यक्त किए।
संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में आयोजित कथा में छठे दिन अयोध्या कांड के तहत राम के वनागमन व राम केवट संवाद आदि प्रसंगों का वाचन किया गया। रामकथा श्रवण करने के लिए भक्तगण इस तरह उमड़ रहे है कि विशाल डोम भी छोटा पड़ रहा ओर जिसे जहां जगह मिल रही वहीं बैठ भक्तिभाव से कथाश्रवण कर रहा है।व्यास पीठ पर विराजित राजन महाराज ने कहा- जिसके साथ जीवन भर सम्बन्ध बनाए रखना चाहते है उसकी निंदा सुनना बंद कर दो। जीवन में हम न कोई सुख देता है न कोई दुःख देता है। हम अपने कर्म से सुखी ओर दुःखी होते हैं। हम अपनी संतान से आशा रखते है इसीलिए दुःखी होते हैं। सपने देखना ही हमारे सुख दुःख का कारण है। सपना पूरा हो गया तो खुशी ओर अधूरा रह गया तो दुःख होता है। उन्होंने कहा कि जिसने अपनी जवानी को साध लिया उसका बुढ़ापा सुधर जाता है। जीवन में कोई समस्या नहीं आ रही तो समझ लेना गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
सही मार्ग पर चलेंगे तो रुकावट भी आएगी। इन रुकावटों को पार करते हुए कैसे आगे बढ़े यह भगवान शंकर से सीख सकते है। मन से भगवान की शरण में ओर शरीर से जगत का व्यवहार करते रहिए। राजन महाराज ने कहा कि मन पर मैल जम जाए तो भगवान नहीं दिखाई देते हैं।जीवन में आनंदपूर्वक रहने का स्वभाव हो जाए तो अभाव में भी आनंद से जी सकते है ओर रोने का स्वभाव हो जाए तो बैकुंठ में भी आनंद नहीं आएगा। जब समस्या का समाधान हमारे हाथ में हो तो फिर क्यों रोना ओर जब समस्या का समाधान हमारे हाथ में नही तो फिर क्यों रोना, इसलिए केवल प्रभु भक्ति करते हुए स्वयं को उसके हवाले कर दे।
कथा के दौरान मंच पर निरंजनी अखाड़ा हरिद्वार से पधारे पूज्य संत आलोकगिरी महाराज, रविगिरी महाराज, निम्बार्क आश्रम भीलवाड़ा के महन्त मोहनशरण शास्त्री सहित कई पूज्य संत-महात्मा आदि भी विराजित थे। राजन महाराज के व्यास पीठ पर विराजने के बाद आरती करने वालों में मुख्य जजमान गोपाल राठी, पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल डांगी, भगवानसिंह चौहान, प्रकाश नुवाल, मुकेश अजमेरा, नंदकिशोर झंवर, नटराजसिंह कारोही, केदार गगरानी, रामपाल कैलाश सोनी, मधु जाजू, डॉ. पवनकुमार ओला, सांवलियाजी मंदिर मण्डफिया के मंदिर व्यवस्था प्रभारी राजेन्द्रकुमार शर्मा मोजूद रहे। श्रीराम कथा का वाचन चित्रकूटधाम प्रांगण में 29 सितम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगा।
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो फिर किस बात की चिंता
श्रीराम कथा के दौरान राजन महाराज के मुखारबिंद से निरन्तर प्रभु भक्ति से ओतप्रोत भजनों की गंगा प्रवाहित होती रही। भजनों पर कई श्रद्धालु नृत्य कर अपनी भावना का इजहार करते दिखे। उन्होंने हमारे साथ जब श्री रघुनाथ तो फिर किस बात की चिंता, हरि भजनन कृष्ण मोहन मुरारी, बात छोटी है सिर को हिला दीजिए, ओ सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है, तुम्हीं मेरी नैया किनारा तुम्हीं हो आदि भजनों की प्रस्तुति ने भी माहौल भक्ति से परिपूर्ण कर दिया।राजन महाराज ने कहा कि जिस परिवार में भगवान का भजन कीर्तन होता रहे उसमे कितनी भी समस्याएं आ जाए पर परिवार का आनंद कम नहीं होगा। हर उम्र वर्ग के श्रद्धालु रामकथा श्रवण का सुअवसर पाकर उत्साहित दिखा। श्रीराम कथा महोत्सव में पांचवें दिन भी हजारों शहरवासी तीव्र उमस की परवाह किए बिना कथा श्रवण के लिए उमड़े। शहर के सभी क्षेत्रों के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग कथा सुनने के लिए चित्रकूटधाम पहुंचे थे।
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