सवाईमाधोपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में टाइगर सफारी के लिए प्रसिद्ध रणथंभौर नेशनल पार्क में बीते दो चार दिन में दो बार बाघ के हमले की घटना सामने आ चुकी है. इससे रणथंभौर आने वाले सैलानियों के साथ-साथ आस-पास रह रहे लोगों में दहशत का माहौल है. बाघ के हमले की घटनाएं बढ़ने के पीछे स्थानीय लोग विभागीय लापरवाही को एक बड़ा कारण बता रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम रणथम्भौर नेशनल पार्क के मध्य स्थित रणथंभौर दुर्ग में अचानक उस वक्त हड़कंप मच गया, जब बाघिन ऐरोहेड टी 84 अपने तीन शावकों के रणथम्भौर दुर्ग में पहुंच गई. इस दौरान बाघिन के एक टाईगर शावक ने रणथम्भौर दुर्ग में त्रिनेत्र गणेश दर्शनों के लिए आए एक श्रद्धालु पर हमला कर दिया.
रणथंभौर दुर्ग में करीब डेढ़ घंटे 3 शावकों के साथ बैठी रही बाघिन
गनीमत यह रही कि श्रद्धालु पर बाघिन के शावक ने सिर्फ हल्का झपट्टा ही मारा, जिससे श्रद्धालु की शर्ट फट गई और शावक के नाखून से हल्की सी खरोंच भर आईं. लेकिन इस दौरान बाघिन रणथंभौर दुर्ग में करीब एक से डेढ़ घंटे तक बैठी रही. मौके पर मौजूद लोगों ने वन विभाग को घटना की सूचना दी. सूचना मिलने के करीब डेढ़ घंटे बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जैसे तैसे रणथंभौर दुर्ग में फंसे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बाहर निकाला. वहीं वन कर्मियों द्वारा हल्ला कर बाघिन एवं शावकों को भगाया गया. इस दौरान वन विभाग एंव स्थानीय लोगों ने दुर्ग से करीब 500-700 लोगों को बाहर निकाला.
4 बजे वन विभाग को सूचना देने के पौने दो घंटे बाद पहुंची टीम
प्रत्यक्षदर्शी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि वन विभाग को बाघिन के आने की सूचना करीब साढ़े चार बजे दे दी गई थी, लेकिन वन विभाग की टीम मौके पर करीब पौने दो घंटे बाद पहुंची. इस दौरान रणथम्भौर दुर्ग में मौजूद लोग दहशत में रहे. गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को ही रणथंभौर से सटे उलियाणा गांव में खेत मे बकरियां चरा रहे एक ग्रामीण पर टाइगर ने हमला कर दिया था, इसमें ग्रामीण की मौत हो गई थी.
वहीं ग्रामीण की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने पीट-पीट कर टाइगर को भी मौत के घाट उतार दिया था . शनिवार को हुई घटना को लेकर वन विभाग ने कोई सबक नहीं लिया और आज भी वन विभाग की लेट लतीफी देखने को मिली.
यदि सैलानियों को कुछ होता तो कौन होता जिम्मेदार
सैलानियों का कहना है कि इस दौरान रणथम्भौर दुर्ग में कोई बड़ी घटना हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता. घटना को लेकर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के डीएफओ रामानंद भाकर का कहना है कि बाघिन ऐरोहेड के एक शावक ने एक श्रद्धालु पर हमला किया था. हमले में उसे हल्के नाखून की खरोंच आई है. श्रद्धालु को कोई ज्यादा चोट नहीं आई है. रणथंभौर की आरोपीटी रेंज के रेंजर कैलाश शर्मा ने बताया कि सभी श्रद्धालुओ को रणथंभौर दुर्ग से बाहर निकाल दिया गया है . और बाघिन को भी मौके से भगा दिया गया. एहतिहातन रणथंभौर दुर्ग में फोटो ट्रेप कैमरे लगाए गए हैं. वनकर्मियों की टीम तैनात की गई है, जो बाघिन एंव शावकों की मॉनिटरिंग में जुटी हुई है. हालांकि एक बार फिर वन अधिकारियों ने मीडिया के कैमरों का सामना करने से कन्नी काट ली.
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