यह लापरवाही पड़ ना जाए भारी
नाली के ऊपर पट्टी रखकर बर्तन होते हैं साफ।
एक ही टब में गंदे पानी में डालकर बर्तन पानी से धोकर फिर काम में ले रहे हैं।
तैयार खाना खुले में रखकर बेचते हैं।
नालों को कवर नहीं कर भोजन बना रहे हैं।
यहां भी हालत खराब
अस्पताल के विजयलक्ष्मी पार्क के छोर पर गेट के सामने नाले के पास भी ढाबे संचालित हैं। यहां नाले की दुर्गन्ध से दिनभर लोग परेशान रहते हैं। यहां भी खुले में खाना खिलाया जा रहा है।
अन्नपूर्णा रसोई में 8 रुपए में भोजन, संया घटी
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में अन्नपूर्णा रसोई संचालित हैं। यहां 8 रुपए में भोजन मिलता है। बंद हॉल में टेबल-कुर्सी पर बैठाकर खाना खिलाया जाता है लेकिन कुछ लोग इस खाने को पसंद नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग बाहर दाल-बाटी खाने के चक्कर में खुले नाले-नालियों के पास हाथ ठेलों पर भोजन करते हैं, इससे संया घटी भी है। अन्नपूर्णा रसोई में खाना खाते व्यक्ति लालन ने बताया कि यहां दाल-चावल अच्छा बनता है। पिछले एक माह से यहीं खाना खाता हूं।
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