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Alwar स्कूल और आंगनबाड़ी का भवन जर्जर, हादसे का डर

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अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर शहर के निकट भाखेड़ा में समस्याओं की भरमार है। यहां की आबादी 500 से 600 के बीच है। कॉलोनी में अब तक किसी भी सरकार के जनप्रतिनिधियों ने नाली, रोड लाइट और सफाई के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं। हालांकि मतदान के दौरान यहां दिन-रात नेताओं की गाड़ियां घूमती हैं। मतदान खत्म होते ही पांच साल तक नेता गायब रहते हैं। नेताओं की तरह ही जिमेदार अधिकारी और कर्मचारियों को भी जनसमस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। आमजन की ओर से कई बार अधिकारियों और कर्मचारियों को समस्याओं से अवगत करवाया है, लेकिन अब तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। वहीं, यहां सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी में सुविधाओं की दरकार है।

न कोई ऑटो टिपर न कोई सफाई कर्मी : कॉलोनी में सफाई आमजन को करनी पड़ रही है। सफाई के लिए यहां कोई ऑटो टिपर नहीं आता है और न ही अब तक कोइ सफाई कर्मचारी लगाया है। इससे आए दिन कचरा इधर-उधर उड़ता रहता है। यहां सड़कें भी टूटी हुई हैं और पानी निकास के इंतजाम नहीं होने से सड़कों पर पानी जमा हो जाता है। रात होते ही पूरी कॉलोनी अंधेरे में डूब जाती है। बिजली के पोलों पर रोड़ लाइट नहीं है। कई जगहों पर लोगों ने ही अपने घरों के सामने लाइट लगा रखी है। कॉलोनी में सफाई के लिए कोई नहीं आता है। कचरा इधर-उधर उड़ता रहता है। बारिश के दौरान पानी भर जाता है । यहां नालियों का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे आमजन को परेशानी हो रही है।यहां सड़कें उखड़ी हुई हैं। कॉलोनी में रोड लाइट नहीं है। इससे रात को अंधेरा रहता है। लूटपाट का भी डर बना हुआ है। कई बार अधिकारियों को समस्याओं से अवगत करवाया है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी में सुविधाओं का टोटा

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी में सुविधाओं की दरकार है। यहां विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त मरे नहीं हैं। स्कूल कक्षा 1 लेकर कक्षा 12वीं तक हैं, लेकिन पांच कमरों में चल रही है। आधे बच्चों को बरामदा में बैठाया जा रहा है और आंगनबाडी के लिए केवल एक कमरा है। जिसमें छोटे बच्चे बैठते हैं और राशन भरा होता है। टीका लगाने के समय यहां भीड हो जाती है। वहीं, स्कूल में कार्यवाहक प्रधानाचार्य को पिछले तीन माह से सैलरी नहीं मिली है, ऐसा ही हाल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का है। इनका भी दो-तीन माह का वेतन अटका हुआ है। स्कूल प्रधानाचार्य अंबाला सोनी ने बताया कि स्कूल की समस्याओं के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत करवाया गया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है।हमें पिछले कई माह से वेतन नहीं मिला है। छोटे बच्चों को बैठने और राशन के लिए अलग-अलग कमरे होने चाहिए। पानी के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है। कमरा भी जर्जर हो गया है।

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