भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, भीलवाड़ा में भी चार दिवसीय छठ पर्व बुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। व्रतियों ने अपने घरों के साथ ही नदी व तालाब के किनारे गेहूं सुखाने का काम शुरू कर दिया है। आज 6 नवंबर को व्रती खरना करेंगे। 7 नवंबर को सूर्य देव को पहला व शाम का अर्घ्य दिया जाएगा। 8 नवंबर को उगते सूर्य को दूसरा व अंतिम अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन होगा। इसी दिन कुलदेवता को प्रसाद चढ़ाने के बाद व्रती पारण करेंगे। आज लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है।
गुरुवार को सूर्य देव को पहला व शुक्रवार को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। छठ पर्व के दूसरे दिन पूर्वांचल के लोगों के घरों में खरना का प्रसाद विशेष रूप से बनाया जाता है। खरना गन्ने के रस से बनी चावल की खीर होती है। इसके अलावा चावल का पिट्ठा व बिना नमक की रोटी बनाई जाती है। अगले दिन मिठाई के रूप में ठेकुआ बनाया जाता है, जो गुड़ और आटे से बनता है। छठ पूजा के पहले दिन लौकी की सब्जी, दाल और अरवा यानी चावल बनाया जाता है। पूर्वांचल के लोग मेहमानों का स्वागत इसी भोजन से करते हैं।
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