जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर दीपावली के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की पंचमी को लाभ पंचमी कहा गया है, जो बुधवार को है। अगले सप्ताह देवउठनी एकादशी से वैवाहिक आयोजनों की शुरुआत होगी और सभी शुभ कार्यों का आरंभ हो जाएगा। शादी की खरीदारी की शुरुआत लाभ पंचमी से की जाती है, इसलिए इसे सौभाग्य पंचमी भी कहा गया है।
यही नहीं, कई व्यापारी दीपावली को नया साल के रूप में मनाते हैं, वे लोग भी अपने बही खातों में लेखन का कार्य लाभ पंचमी से ही करेंगे। इसीलिए गणेशजी की आराधना की जाएगी। पंचमी के दिन ही बुधवार भी है, जिसके चलते लाभ पंचमी दोगुना फायदा देने वाली साबित होगी। ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य डॉ. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि लाभ पंचमी की तिथि सुख और समृद्धि को बढ़ाने वाली मानी गई है।
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