जयपुर न्यूज़ डेस्क, फेस्टिवल सीजन पर बाजारों में रौनक है। दीपावली के बाद मंगलवार को चातुर्मास खत्म होंगे और देवउठनी एकादशी पर कल से फिर शहनाइयां गूंजेंगी। ऐसे में चार महीने बाद शुरू होने वाले शादी सीजन के लिए विवाह स्थल सजने-संवरने लगे हैं। बाजार भी तैयार है।
देवउठनी एकादशी पर कल हजारों शादियां होंगी। विवाह स्थलों से लेकर पंडित, बैंड-बाजे, घोड़ी, हलवाई सहित सब हाउसफुल है। देवउठनी एकादशी का अबूझ मुहूर्त भी है। इसलिए राजस्थान में इस बार 40 हजार से अधिक शादियां इसी दिन होंगी।
श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पंचांग के संपादक आचार्य मुदित मित्तल ने बताया- 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ ही चार माह से बन्द शादियों और मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। कार्तिक शुक्ल एकादशी से चातुर्मास समाप्त हो जाएगा और इस दिन भगवान विष्णु अपनी निद्रा से जागेंगे। इसके साथ ही देवोत्थान एकादशी से गृह प्रवेश, शादी, देवप्रतिष्ठा, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों का आरम्भ हो जाएगा। 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी का अबूझ सावा रहेगा।
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