खुद लिखी जांचें
शुक्रवार को विधायक कालीचरण सराफ की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें तत्काल एसएमएस अस्पताल लाया गया। इस दौरान, प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने एक बयान में कहा कि विधायक के इलाज के दौरान रात में आइसीयू में कोई सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं था, इसलिए उन्हें खुद ही जांच लिखनी पड़ी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं थी, जिस पर विधायक ने अस्पताल प्रशासन से 10 व्हीलचेयर देने का वादा किया।डॉ. माहेश्वरी के इस बयान के बाद, न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. भावना शर्मा नाराज हो गईं। उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि आइसीयू में सीनियर डॉक्टर न होने की बात पूरी तरह से मनगढ़ंत है। डॉ. शर्मा के अनुसार, उस वक्त ड्यूटी पर न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख विशेषज्ञ डॉ. शैलेश दीक्षित, सह आचार्य डॉ. राहुल गुप्ता, सीनियर रेजिडेंट डॉ. सोनाली और अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित थे। इतना ही नहीं, डॉ. दीक्षित स्वयं विधायक के घर से उनके साथ आए थे।
विधायक व्हीलचेयर पर बैठने की स्थिति में ही नहीं थे। मैं स्वयं उन्हें अस्पताल आने से पहले देख चुका था। इस तरह की बातें किस उद्देश्य से फैलाई गईं, यह केवल फैलाने वालों को ही पता होगा। मेरे पापा को व्हीलचेयर पर शिट करना संभव नहीं था, उन्हें एबुलेंस की ट्रॉली से ही बेड तक ले जाना था। मैं स्वयं उनके साथ था। यह गलत जानकारी किसने दी, हमें नहीं पता। मुझे इस मामले में शामिल करने पर मैं चकित हूं। मैं ऐसा बयान कैसे दे सकता हूं? कृपया मुझे इस मामले से अलग रखें।
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