कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार 31 मार्च 2025 के बाद वाहनों का फिटनेस टेस्ट केवल ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों (एटीएस) पर ही होगा। लेकिन कोटा में अभी तक एक भी एटीएस संचालित नहीं है। हालांकि, एक ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन ने जरूर आवेदन किया है। प्रदेश में केवल जयपुर और अजमेर के किशनगढ़ में दो एटीएस संचालित हो रहे हैं। ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन पर वाहन की जांच पूरी तरह से मशीनों द्वारा की जाती है।
जिसमें किसी भी प्रकार की कमी होने की गुंजाइश न के बराबर होती है। एटीएस वाहन का सटीक आंकलन कर उसी के आधार पर फिटनेस सर्टिफिकेट की अवधि तय करता है, जो स्वत: ही जनरेट होती है। ऑटोमेटेड सिस्टम से जांच होने पर इसमें फर्जी तरीके से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता। वर्तमान में मौजूद फिटनेस स्टेशनों पर अभी गैस उत्सर्जन और स्पीड ब्रेक टेस्ट को छोड़कर सभी टेस्ट मैनुअली किए जाते हैं, जिनमें गलती की आशंका रहती है। प्रक्रिया - 2
साइड स्लीप टेस्ट
फ्रंट और रियर सस्पेंशन का टेस्ट
सर्विस ब्रेक, पार्किंग ब्रेक टेस्ट प्रक्रिया- 3
एक्सल प्ले डिटेक्टर से अडंर बॉडी विजुअल परीक्षण
स्टीयरिंग एंगल टेस्ट
हैडलाइट का टेस्ट कोटा में 2 व झालावाड़ में 1 फिटनेस स्टेशन : कोटा परिवहन कार्यालय के अधीन कोटा में 2, वहीं झालावाड़ में 1 फिटनेस स्टेशन संचालित है। इनमें से केवल 1 ही स्टेशन ने ऑटोमेटेड फिटनेस स्टेशन के लिए आवेदन किया है, जो अभी प्रक्रिया में है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में 1 एटीएस खुलना था, लेकिन अभी तक केवल अजमेर के किशनगढ़ और जयपुर में ही एटीएस संचाति हैं। मौजूदा फिटनेस स्टेशनों को अपग्रेड करने के बाद ही ऑटोमेटेड में बदला जा सकता है। इसमें गैस एनालाइजर, ब्रेक टेस्टर, स्पीडोमीटर सेंसर, लाइट बीम टेस्टर, स्टीरिंग प्ले डिटेक्टर, जॉइंट प्ले डिटेक्टर समेत 13 तरह के सेंसर होने चाहिए।
कोटा के फिटनेस स्टेशनों को ऑटोमेटेड में अपग्रेड करने के लिए कहा हुआ है। मंत्रालय ने 31 मार्च 2025 की तारीख तय की है। उसके बाद इन स्टेशनों पर फिटनेस टेस्ट बंद कर दिए जाएंगे।
- राजीव त्यागी, कार्यवाहक आरटीओ, कोटा प्रक्रिया - 1
इंजन से उत्सर्जित गैसों का टेस्ट
इंजन के साउंड टेस्ट
एक्जोस्ट का टेस्ट
स्पीडोमीटर का टेस्ट
बॉडी जॉइंट में कमी का टेस्ट