जयपुर न्यूज़ डेस्क, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) ने आज दिव्यांग बच्चों के लिए राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस आयोजन के पीछे की कहानी भी काफी रोचक है। दरअसल, रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस पंकज भंडारी को अपनी बेटी के चेहरे पर खुशी देखकर इस प्रतियोगिता के आयोजन का विचार आया। जस्टिस पंकज भंडारी बताते हैं कि उनकी दिव्यांग बेटी ने राज्य स्तर पर विशेष खेलों में हिस्सा लिया था। उसका उत्साह देखने लायक था। जब वह खेलों में विजयी हुई तो उसके चेहरे पर खुशी देखने लायक थी।
उन्होंने कहा कि जब माता-पिता दिव्यांग बच्चों के चेहरे पर ऐसी खुशी देखते हैं तो उन्हें बहुत ताकत मिलती है। इसके बाद मैंने सोचा कि पूरे राज्य में ऐसे बच्चों को आगे लाया जाए। ताकि उनकी प्रतिभा सामने आ सके। साथ ही ये बच्चे भविष्य में पैरालिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर सकें। दिव्यांग बच्चे के साथ शतरंज खेला रालसा द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 150 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया। जस्टिस पंकज भंडारी ने दिव्यांग (नेत्रहीन) बच्चे के साथ शतरंज खेलकर प्रतियोगिता का उद्घाटन किया।
रालसा सदस्य सचिव हरिओम अत्री ने बताया कि जिला स्तर पर करीब 700 दिव्यांग बच्चों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था। उसके बाद संभाग स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आज राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में करीब 150 दिव्यांग बच्चों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि आज एसएमएस स्टेडियम में कबड्डी, टेबल टेनिस, कैरम, शतरंज, बैडमिंटन, लंबी कूद सहित कुल 11 प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। शाम को आरआईसी में पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने वीसी के माध्यम से समारोह को संबोधित किया।
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