उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर छठ पूजा को लेकर गत कई दिनों से तैयारियां जारी है। इसे लेकर शहर की विभिन्न समितियों ने घाट की देखरेख के साथ ही आने वाले पर्व के आयोजनों को लेकर पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी है। चार दिवसीय पर्व 5 नवंबर से शुरू होगा। बिहार समाज समिति के सचिव सुनील कुमार सिंह ने बताया कि चार दिवसीय पर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय खाए से होगी। इस दिन श्रद्धालु लौकी की सब्जी, रोटी, चावल और चने की दाल प्रसाद के रूप ग्रहण करेंगे। 6 नवंबर को खरना पर्व के तहत शाम को पूजा करके खीर और रोटी का प्रसाद केले के पत्ते पर खाया जाएगा। 7 नवंबर को डाला छठ पर झीलों और तालाबों के किनारे डूबते सूर्य की पूजा होगी और अर्घ्य दिया जाएगा। इसी प्रकार झीलों और तालाबों के किनारे ही 8 नवंबर को तड़के उगते सूर्य की पूजा और अर्घ्य देकर पर्व का समापन होगा। इस दौरान व्रत करने वाले श्रद्धालु 36 घंटे तक निर्जल और निराहार रहेंगे।
बताया कि छठ पूजा महापर्व की तैयारियों को लेकर रविवार को समिति के सदस्यों ने गोवर्धन सागर पाल पर घाट की सफाई की। इसमें समिति के प्रवीण कुमार सिंह, सुशील कुमार, रंजन पाण्डेय, रामदास निषाद, कौशल कुमार सिंह, मनोज आर्या, गोकुल झा, मुरारी चौधरी आदि मौजूद रहे। उदयपुर में छठ पूजा संयुक्त समारोह समिति की ओर से फतहसागर के देवाली वाले छोर पर, बिहार समाज समिति की ओर से गोवर्धन सागर पाल पर की पूजा की जाती है। साथ ही रानी रोड, स्वरूप सागर, दूधतलाई पर भी छठ पूजा का आयोजन होता है।
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