उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर में आदमखोर लेपर्ड का शिकार होने से एक मां-बेटी बाल-बाल बच गई। दोनों ने घर बंद कर अपनी जान बचाई। वहीं, 9 लोगों को मार चुके लेपर्ड को पकड़ने के लिए अब शूटर्स की नई टीम बनाई गई है। सरिस्का, रणथंभौर और केवलादेव के अधिकारियों को इसमें शामिल किया गया है। टीम को वाइल्डलाइफ सीसीएफ टी मोहन राज लीड करेंगे।पूरे एरिया में वन विभाग के 50 से अधिक कर्मचारी और 12 शूटर्स एक सप्ताह से लेपर्ड को ट्रैंक्यूलाइज करने की कोशिश में लगे हैं। दरअसल, जिले के गोगुंदा और झाड़ोल एरिया में बीते करीब 26 दिन ये लेपर्ड लगातार हमले कर रहा है। यहां के 4 से ज्यादा गांवों में दहशत है और ग्रामीणों में वन विभाग व प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है। गुरुवार शाम को भी लोगों ने विभागीय कर्मचारियों पर पथराव किया था।
जहां बच्ची को मारा वहां फिर लौटा लेपर्ड
गोगुंदा के खेड़ा गांव में लेपर्ड का गुरुवार रात को फिर से मूवमेंट देखा गया है। रात करीब 9 बजे पूनाराम गमेती के बाहर लेपर्ड ने एक मां-बेटी पर अटैक करने की कोशिश की, लेकिन दोनों ने खुद को घर में बंद कर जान बचाई।कुछ देर बाद ग्रामीणों के आने पर परिवार बाहर निकला तो पता चला कि लेपर्ड मुर्गियों का शिकार कर चला गया है। ये गांव कुडाऊ से 3 किलोमीटर की दूरी पर है, जहां 25 सितंबर की रात आदमखोर लेपर्ड ने 5 साल की बच्ची का शिकार किया था। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग यहां पिंजरा लगाए ताकि गांवों में लेपर्ड का आतंक बंद हो।
दो स्पेशल टीम जंगल में उतरी
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन उपाध्याय ने बताया कि लेपर्ड को शूट करने के लिए शुक्रवार से स्पेशल ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसमें दो टीम फिल्ड में हैं। पहली टीम 4 से 6 अक्टूबर तक गोगुंदा में रहेगी। टीम को सीसीएफ वाइल्डलाइफ जयपुर टी. मोहन राज लीड कर रहे हैं। इनके साथ टीम में सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह और रामगढ़ विषधारी डीसीएफ संजीव शर्मा हैं।मुख्य वन संरक्षक उदयपुर सुनील छिद्री ने बताया कि स्पेशल ऑपरेशन चलाने के लिए ईआरटी टीम गोगुंदा पहुंच चुकी है। इनके नेतृत्व में ऑपरेशन के लिए रणनीति बनाई गई है। जल्द ही लेपर्ड को पहले ट्रैंकुलाइज किया जाएगा। यदि वह पकड़ में नहीं आता है तो उसे शूट करेंगे।
यदि इस टीम को सफलता नहीं मिलती है तो दूसरी टीम 7 से 9 अक्टूबर स्पेशल ऑपरेशन चलाएगी। दूसरी टीम में एपीसीएफ वाइल्ड लाइफ राजेश गुप्ता, रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर और केवलादेव नेशनल पार्क भरतपुर के डीसीएफ मानस सिंह शामिल हैं। ये 7 अक्टूबर को गोगुंदा आएंगे।
वन विभाग के खिलाफ ग्रामीणों में बढ़ रहा आक्रोश
गोगुंदा क्षेत्र में लगातार बढ़ते हमलों से ग्रामीणों में खासकर वन विभाग के कर्मचारी-अधिकारी के खिलाफ जोरदार गुस्सा देखने को मिल रहा है। एक दिन पहले भी केवलों का खेड़ा गांव में ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों पर पत्थरबाजी करते हुए उन्हें वहां से दौड़ाया था। कर्मचारियों ने स्कूल में बंद होकर अपनी जान बचाई। बाद में एसडीएम नरेश सोनी, थानाधिकारी शैतानसिंह नाथावत और उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली मौके पर पहुंचे और समझाइश की।
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