कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार रात बड़ी कार्रवाई की। एसीबी ने जिला उद्योग केंद्र के हैंडलूम इंस्पेक्टर, एक महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट और उनके ऑफिस असिस्टेंट को 16,500 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। आरोपियों पर प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के तहत 10 लाख रुपये का लोन मंजूर करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है।
एसीबी को शिकायत मिली थी कि जिला उद्योग केंद्र के हैंडलूम इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह राजावत, एक महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट वीनस माहेश्वरी के जरिए 18,000 रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। यह रिश्वत प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के तहत 10 लाख रुपये का लोन मंजूर करने के लिए मांगी जा रही थी।
राजावत के साथ सीए वीनस माहेश्वरी और ऑफिस असिस्टेंट समीर अली अरेस्ट
शिकायत की पुष्टि होने पर एसीबी ने जाल बिछाया। एसीबी ने वीनस माहेश्वरी, उनके ऑफिस असिस्टेंट समीर अली और महेंद्र सिंह राजावत को 16,500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
शिकायत के सत्यापन के दौरान पता चला कि वीनस माहेश्वरी ने पहले ही 8,000 रुपये रिश्वत के तौर पर ले लिए थे। इनमें से 6,500 रुपये उनके पास से बरामद कर लिए गए हैं।
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एसीबी के उप महानिरीक्षक पुलिस शिवराज मीणा के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। एसीबी की स्पेशल यूनिट, कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकुल शर्मा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया। पुलिस निरीक्षक अनिता ने अपनी टीम के साथ मिलकर आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा। टीम में उप अधीक्षक पुलिस ताराचंद भी शामिल थे।
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