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Bikaner खारा में पीएम-10 की मात्रा मानक से 15 गुना ज्यादा, टीम करेगी जांच

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बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर खारा गांव में पीओपी की फैक्ट्रियों के कारण वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मशीन से 9 दिन की जांच में पीएम-10 (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा मानक से 4 से लेकर 15 गुना तक ज्यादा पाई गई। अलग-अलग दिनाें में इसकी मात्रा 398 से लेकर 1528 माइक्राेग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही। जबकि, इसका मानक 100 माइक्राेग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। इसकी वजह से स्थानीय निवासियाें के फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। जमीनी हालात जानने के लिए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दल बीकानेर पहुंच गया है। शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर खारा गांव की आबो हवा वायु प्रदूषण के कारण खराब हो रही है।

रीको औद्योगिक क्षेत्र के मिनरल जोन से सटे इस गांव में पीओपी की फैक्ट्रियों के धुएं के कारण लोग श्वास की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। खारा गांव के हालात उजागर होने के बाद राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चीफ इंजीनियर प्रेमालाल का तीन सदस्यीय दल जमीनी हालात का पता लगाने के लिए सोमवार रात बीकानेर पहुंचा। यह दल तीन दिन यहीं रहकर खारा गांव और पीओपी इंडस्ट्रीज की जांच करेगा।दरअसल, खारा गांव और मिनरल जोन के बीच एक सड़क का ही फासला है। जोन में करीब 40 पीओपी की फैक्ट्रियां लगी हुई हैं। हवा का रुख गांव की तरफ होने पर इन फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं गांव पर छा जाता जाता है। इसकी वजह से लोगों का सांस लेना दूभर हो रहा है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने वायु प्रदूषण की जांच के लिए अलग-अलग तीन लोकेशन पर अपनी मशीन लगाई। यह मशीन फैक्ट्रियों से 10 मीटर लेकर 400 मीटर तक दायरे में लगाई गई।

मशीन से प्रदूषण की जांच की तो बोर्ड अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच आईं। क्षेत्रीय अधिकारी राजकुमार मीणा ने इन फैक्ट्रियां बंद करने के लिए मालिकों को नोटिस जारी कर दिए। हालांकि, फैक्ट्री मालिक सड़क पर बिखरे पाउडर पर पानी का छिड़काव करवा रहे हैं। इसे मुद्दे पर वे मंगलवार काे बाेर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी से भी मिले।

पीएम10-खांसी के दाैरे से लेकर ब्राेंकाइटिस तक का खतरा - पीएम-10 हवा में निलंबित कणों का मिश्रण है, जिसका व्यास 10 माइक्रोग्राम से अधिक नहीं होता है। पीबीएम हॉस्पिटल के प्रमुख श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद ठकराल के अनुसार यह हानिकारक होता है।पीएम-10 की अधिक मात्रा का श्वसन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे खांसी के दौरे, घबराहट, अस्थमा या तीव्र ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों को समस्या होती है। पीएम-10 शरीर के बाकी हिस्सों को भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।

खतरनाक स्तर पर है प्रदूषण
खारा गांव में वायु प्रदूषण पता लगाने के लिए पीएम-10, SO2 और NOX की जांच की गई। नौ दिन की जांच में पीएम-10 (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा अधिक मिली है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। विशेषज्ञों के अनुसार पीओपी पाउडर के बारीक कण फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जबकि सल्फरडाई ऑक्साइड (SO2 ) 9.84 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2) 32.48 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब पाया गया है। दोनों ही 80 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब की लिमिट में होने से नुकसानदेह नहीं है।

प्रदूषण के कारण मास्क लगाकर स्कूल आते हैं बच्चे, प्रिंसिपल बोलीं-कई बच्चों के श्वास की तकलीफ

खारा गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मास्क लगाकर आना पड़ता है। प्रिंसिपल सुमन सेठी ने बताया कि कई बच्चों को श्वास की समस्या है। सभी को मास्क लगाकर आने को कहा गया है। सेठी ने बताया कि डिजिटल बोर्ड और कंप्यूटरों पर धुएं की गर्द जम जाती है। स्कूल में रोज सुबह सफाई कराते हैं। ग्रामीण सूरज पारीक का कहना है कि प्रदूषण के कारण गांव के हर घर में बच्चों और बुजुर्गों को श्वास संबंधी समस्या है। स्वास्थ्य विभाग को कैंप लगाकर सभी की जांच करनी चाहिए।जिला कलेक्टर ने ली विभाग से प्रदूषण की रिपोर्ट

खारा गांव में पीओपी इंडस्ट्रीज से हो रहे वायु प्रदूषण के संबंध में जिला कलेक्टर ने रिपोर्ट ली है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजकुमार मीणा ने उन्हें गांव के हालात से अवगत कराया है। कलेक्टर को बताया गया कि गांव से सटे मिनरल जोन में स्थित पीओपी की फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं के कारण गांव में प्रदूषण फैल रहा है। इन्हें शिफ्ट करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है। ऐसे हालात सर्दियों में तब होते हैं, जब हवा का रुख गांव की तरफ होता है।

"उद्योगों को कंसेंट टू ऑपरेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड जारी करता है। खारा में पीओपी फैक्ट्रियों के प्रदूषण के मामले में कार्यवाही बोर्ड को ही करनी है। रीको के पास इस संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं है। रही बात फैक्ट्रियों को शिफ्ट करने की तो यह काम इतना आसान नहीं है।"

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