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Udaipur गोगुंदा में रात 2.30 बजे पिंजरे में आया तेंदुआ, ग्रामीणों में राहत

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उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर जिले के गोगुंदा में बुधवार की रात को पांच साल की बच्ची के शिकार के बाद कुड़ाऊ गांव में लगाए पिंजरे में आज रात करीब ढ़ाई बजे एक लेपर्ड कैद हो गया। लेपर्ड पकड़ में आने की सूचना के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए और लेपर्ड को उदयपुर लेकर रवाना हुए। इस क्षेत्र में यह तीसरा लेपर्ड पिंजरे में आया है।क्षेत्रीय वन अधिकारी अर्जुन लाल मीणा ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 2.30 बजे लेपर्ड पिंजरे में कैद हो गया था और सूचना मिलने के बाद लेपर्ड को पिंजरे सहित पहाड़ी इलाके से नीचे लाने के लिए टीमों ने काम शुरू किया। उन्होंने बताया कि लेपर्ड को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क लेकर गए है।इस बीच सूचना पर गांव से बड़ी संख्या में लोग पहाड़ी की तरफ पहुंच गए और लेपर्ड के पकड़ में आने के बाद राहत महसूस की लेकिन लोगों का कहना है कि लेपर्ड को लेकर अभी निगरानी जरूरी है। मौके पर मौजूद कुड़ाऊ गांव के गुलाबसिंह ने बताया कि गांव वाले घबराए हुए थे और बच्ची की मौत के बाद बच्चों में भी भय है लेकिन इस लेपर्ड को पकड़ कर राहत तो मिली है।

लोग टॉर्च लेकर पहुंचे

लेपर्ड के इंसानी हमलों से इस क्षेत्र के लोग लेपर्ड को लेकर घबराए हुए है और वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। आज जैसे ही लेपर्ड पकड़ने की सूचना मिली तो लोग टॉर्च लेकर जंगल में पहुंचे और लेपर्ड को देखा। लोगों के हाथ में टॉर्च और सुरक्षा को लेकर लकड़ी भी थी।

हष्ट-पुष्ट है लेपर्ड

वनकर्मियों के अनुसार पिंजरे में आया लेपर्ड हष्ट-पुष्ट है और वह लगातार घुर्रा रहा था। दिखने में सामने आया कि उसके भी दो दांत टूटे हुए थे। पकड़ा गया लेपर्ड ही आदमखोर है इसको लेकर अभी कुछ साफ नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी दो लेपर्ड पकड़े गए।

गुरुवार रात को लेपर्ड पिंजरे के पास आकर गया
बताते है कि लेपर्ड वहां लगे पिंजरे के पास गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे आया था लेकिन वहं पिंजरे में नहीं गया और वापस निकल गया। वनकर्मियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने आला अधिकारियों को भी बताया। इस बीच उसी रात सवा बारह बजे एक जरख पिंजरे के पास आया था उसके पिंजरे से टकराने से पिंजरा एकाएक बंद हो गया।

तीन दिन से लेपर्ड की तलाश
इस क्षेत्र में बच्ची की मौत के बाद से लेपर्ड की तलाश को लेकर वन विभाग की टीम अलर्ट है। वहां पर कुल पांच अलग-अलग टीमें लगा रखी है जो लगातार निगरानी कर रही है और वहां आसपास के इलाके में कुल चार पिंजरे लगा रखे है जिसमें से कुड़ाऊ गांव के पास पहाड़ी पर पिंजरे में लेपर्ड पकड़ में आया।

पांच साल की सूरज के शव को ले भागा लेपर्ड

उल्लेखनीय है कि बुधवार शाम करीब सात बजे गोगुंदा थाना क्षेत्र की मजावद ग्राम पंचायत के कुडाऊ गांव की भील बस्ती में एक लेपर्ड ने करीब पांच साल की बालिका सूरज पुत्री गमेर लाल गमेती पर हमला कर दिया। सूरज नाले के पास हाथ-पांव धो रही थी तब ही आए लेपर्ड ने उसे दबोच लिया। आस-पास खड़े बच्चों के चिल्लाने पर ग्रामीण एकत्र हो गए और वहां से सूरज को खोजने निकले।जंगल के पास पहाड़ी इलाके में ग्रामीण पहुंचे तो थोड़ी दूरी पर बच्ची की कटी हाथ की हथेली पड़ी मिली और उससे थोड़ा आगे ढूंढ़ने पर बच्ची का क्षत विक्षत शव मिला। गांव के करीब चार से पांच लोग बात कर रहे थे इतने में झाड़ियों से वापस लेपर्ड आया और शव लेकर चला गया।बाद में गांव वाले और वन विभाग की टीमों ने सूरज के शव को खोजने के लिए अभियान शुरू किया लेकिन रात में कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद अगले दिन वापस इस पर काम शुरू किया तो करीब 17 घंटे बाद गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे बच्ची की सिर कटी बॉडी मिली और शाम को उसका अंतिम संस्कार किया गया।

लेपर्ड का इंसानी हमलों की घटनाएं बढ़ी

गुरुवार को ही गोगुंदा इलाके से करीब 30 किलोमीटर दूर झाड़ोल के सरणा फला में बकरियों के लिए पत्ते लेने गए एक युवक को लेपर्ड ने मार डाला। पिछले 10 दिन में इस इलाके से 5 लोगों का लेपर्ड शिकार कर चुका है और उसमें से चार शिकार गोगुंदा क्षेत्र में किए गए। हालांकि, ये तय नहीं है कि बच्ची का शिकार करने वाले लेपर्ड ने अन्य तीन लोगों को मारा है।

गोगुंदा के पासा लेपर्ड ऐसे लेते गया इंसानों की जान

18 सितंबर की दोपहर में भेवड़िया के खुमाराम गमेती (45) को मार दिया
18 सितंबर की शाम को उंडीथल निवासी कमला गमेती (16) को बनाया शिकार
20 सितंबर को उमरिया की हमेरी बाई (50) का शिकार किया।
25 सितंबर को कुडाऊ गांव में पांच साल की सूरज को नोच कर मार दिया
 

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