Top News
Next Story
NewsPoint

CBSE के निशाने पर 1000 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल, राजस्थान में निकले 1 लाख से ज्यादा डमी स्टूडेंट्स

Send Push

जयपुर न्यूज़ डेस्क, कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं की स्कूली पढ़ाई के दौरान कोचिंग स्टूडेंट्स को डमी प्रवेश देकर अभिभावकों से उसके बदले पैसे वसूलने वाले प्रदेश के सैंकड़ों निजी स्कूल सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के रडार पर आ गए हैं। कोटा और सीकर के पांच निजी स्कूलों की मान्यता रद्द किए जाने के बाद प्रदेश के स्कूल संचालकों और अभिभावकों में खलबली मची हुई है। जानकारी के मुताबिक सीबीएसई ने दिल्ली और राजस्थान में ऐसे स्कूलों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।बताया जा रहा है कि सीबीएसई की ओर से अभी और सूची जारी की जाएगी। दरअसल, 10वीं कक्षा के बाद स्टूडेंट इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग करते हैं। ऐसे में अधिकतर समय स्कूल की बजाय कोचिंग में ही निकलता है। जयपुर, कोटा, सीकर, जोधपुर, उदयपुर सहित राज्यभर के शहरों में ऐसे करीब एक लाख स्टूडेंट हैं।

जांच करवाएंगे
निजी स्कूलों में जो डमी एडमिशन हो रहे हैं। यह गलत है। मामला मेरी जानकारी में आया है। राज्य में अगर ऐसे और भी स्कूलों में डमी एडमिशन हो रहे हैं तो सीबीएसई के नियमानुसार जांच करवाई जाएगी।
मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री
नियम: स्कूल आना जरूरी, 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य


किसी भी कक्षा में बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी तक होना अनिवार्य है। इससे कम उपस्थिति होने पर स्कूल की ओर से बच्चे को नोटिस दिया जाता है। बोर्ड परीक्षा में बच्चा नहीं बैठ सकता। वहीं, डमी एडमिशन नियमों के खिलाफ है।
डमी प्रवेश के लिए ही चल रहे कई स्कूल

राज्य में कई ऐसे स्कूल भी खुले हैं जो किराए के भवनों पर संचालित हैं। इन स्कूलों में शिक्षक तक नहीं है न ही कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इन स्कूलों के रिकॉर्ड में बच्चे मिलेंगे लेकिन पढ़ाई नहीं कराई जाती। इन स्कूलों को डमी प्रवेश के लिए ही चलाया जा रहा है।
अब इन स्कूलों के बच्चों का क्या
संबंधित स्कूलों के सत्र 2024-25 में पंजीकृत दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थी परीक्षा देंगे। जबकि नवीं और ग्यारहवीं में पढ़ रहे विद्यार्थियों को निकटवर्ती सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। निजीस्कूलों की मान्यता रद्द हुई है, वह भविष्य में नए दाखिले अथवा किसी कक्षा में विद्यार्थियों को प्रमोट नहीं कर सकेंगे।
डमी के लिए दोगुनी फीस लेते
राज्य में 11वीं और 12वीं कक्षा में डमी प्रवेश लेने का चलन बढ़ रहा है। कोटा, जयपुर और सीकर में ऐसे स्कूलों की संख्या सर्वाधिक है। सीबीएसई के अलावा राजस्थान बोर्ड के कई स्कूलों में भी डमी प्रवेश लिए जा रहे हैं। इन स्कूलों की फीस भले ही 50 हजार रुपए तक है, लेकिन डमी एडमिशन के नाम पर एक लाख रुपए तक वसूली की जा रही है। इसके एवज में छात्रों को स्कूल न आने की छूट दी जा रही है। बच्चों को सिर्फ परीक्षा और प्रैक्टिकल के समय बुलाया जाता है। इतना ही नहीं, कोचिंग संस्थान से भी सांठगांठ कर स्कूलों में डमी एडमिशन कराए जाते हैं।
सीबीएसई कर रहा कार्रवाई
राजस्थान में डमी एडमिशन की काफी शिकायतें शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास भी पहुंचती है। लेकिन जयपुर सहित किसी भी जिले में बोर्ड और विभाग की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सीबीएसई की ओर से राज्य के स्कूलों पर की गई कार्रवाई से विभाग और बोर्ड की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
राज्य के पांच स्कूलों की संबद्धता रद्द करने के बाद ऐसे स्कूलों में खलबली..
01 लाख रुपए तक डमी एडमिशन के लिए जा रहे
5,000 रुपए तक प्रति छात्र लेते हैं प्रेक्टिकल में अच्छे नंबर दिलाने के नाम
25,000 से अधिक डमी छात्र जयपुर में
50,000 से डमी अधिक छात्र कोटा में अध्ययनरत
5-6 घंटे की क्लास चल रही कोचिंग में

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now