अजमेर न्यूज़ डेस्क, जैन धर्म के कार्तिक मास के अष्टानिका महापर्व के चतुर्थ दिवस को श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान पर 64 रिद्धि के 64 अर्घ चढ़ाए गए।इससे पूर्व मुनिसुव्रत भगवान की प्रतिमा पर अभिषेक किए गए। जिसके पुण्यार्जक सौधर्म परिवार के प्रदीप कुमार, पीयूष कुमार और सौरभ कुमार गंगवाल परिवार रहे।
रंजीत गंगवाल एवं प्रदीप गगवाल ने शांति धारा का सौभाग्य प्राप्त किया। शांति धारा का वाचन पंडित रोहित शास्त्री ने किया। तत्पश्चात श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान की पूजा अर्चना की गई जिसमें सर्वप्रथम विनय पाठ देव शास्त्र गुरु नंदीस्वर महामंडल विधान की पूजा की गई। इसके बाद 24 तीर्थंकर एवं आचार्य विद्यासागर की पूजा की गई।
सिद्ध भक्ति पढ़ते हुए सभी ने बड़े भक्ति भाव से चतुर्थ वलय की पूजा के अर्घ समर्पित किए। गायिका अहिंसा जैन के भजनों पर सभी श्रावक प्रभु भक्ति में झूम उठे। उप मंत्री इंदरचंद पाटनी ने बताया कि सिद्धचक्र विधानमंडल पर श्रावक रत्न अशोक पाटनी (आर.के.मार्बल) ने भी सौधर्म इंद्र परिवार के साथ अर्घ चढ़ाए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक मोना झांझरी ने बताया कि शाम को महाआरती के बाद पंडित रोहित द्वारा प्रवचन दिये गए। उसके बाद चेलना जाग्रति महिला मण्डल, श्री दिगंबर जैन महिला महासमिति एवं पारसनाथ महिला मण्डल द्वारा भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। अंत में सोधर्म इंद्र प्रदीप गंगवाल परिवार द्वारा आभार व्यक्त किया गया। सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार भी वितरित किए गए। संचालन मोना झांझरी ने किया।
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