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Barmer सरकार ने योजना का नाम बदला, लाखों छात्र दूध से वंचित

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बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर बालकों के कुपोषण को दूर करने को लेकर मिड डे मील योजना के तहत पूर्व सरकार ने मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना प्रारंभ की थी। इसमें सरकारी विद्यालयों में कक्षा आठवीं तक पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन दूध देने का प्रावधान है। नवशैक्षणिक सत्र शुरू हुए 3 महीने बीतने को आए हैं। लेकिन अभी तक सरकारी विद्यालय में योजना में दूध पाउडर नहीं पहुंचा है। खास बात इस अवधि में सरकार ने सिर्फ योजना का नाम परिवर्तित किया है। इसे हर दिन लाखों छात्र-छात्राएं दूध से वंचित रह रहे हैं।

अच्छे खानपान के अभाव में अधिकांश बालक कुपोषण के शिकार होते हैं। इस पर कई वर्ष पहले सरकार ने मिड डे मील योजना के तहत सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को गर्म पोषाहार देने को लेकर मिड डे मिल योजना प्रारंभ की थी। इसके अच्छे संचालन के बाद सरकार ने दूध लेने को लेकर मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना शुरू की । इसके तहत शुरुआत के वर्षों में सरकार ने ताजा दूध उपलब्ध करवाया। लेकिन इसके बाद इसे लेकर कई तरह की दिक्कतें आने पर सरकार ने विद्यालय में दूध पाउडर उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया। इस पर पिछले कई वर्षों से विद्यालयों में पाउडर से दूध तैयार करके छात्रों को उपलब्ध करवाया जा रहा है।

तीन महीने से पहली योजना बंद, दूसरी योजना में नहीं आया दूध

प्रदेश में नई बनी सरकार ने मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना दूध की समीक्षा करते हुए पहले बच्चों को बड़ा पौष्टिक अनाज देने को लेकर मानस बनाया। लेकिन कई महीने तक इसे नहीं दिया। इसके बाद सरकार ने पहले की तरह दूध पाउडर देने का निर्णय लिया। लेकिन जुलाई माह से शुरू हुए शैक्षणिक क्षेत्र के बाद आज तीसरा महीना बीतने को आया है। लेकिन आज दिन तक सरकार ने ना तो विद्यालयों में ताजा दूध और ना ही पाउडर उपलब्ध करवाया। सरकार ने पूर्व योजना का नाम बदलकर अब पन्नाधाय बाल गोपाल योजना रखा है। मिड डे मील आयुक्तालय के आयुक्त ने 4 सितंबर को इस के आदेश जारी किए। योजना में पहले से पांचवी तक के छात्रों को 15 ग्राम व छठी से आठवीं तक के छात्रों को 20 ग्राम पाउडर से दूध तैयार कर देने का प्रावधान है। लेकिन सरकार के योजना तहत पाउडर उपलब्ध नहीं करवाने से लाखों बच्चे इससे वंचित है। जानकारी के अनुसार सरकार ने अंतिम बार अप्रैल महीने में पाउडर उपलब्ध करवाया। अधिकांश विद्यालय में वह कभी-बीत चुका है। कुछ विद्यालय में स्टॉक में है तो उसकी एक्सपायरी डेट बीत चुकी है। इस पर वह उपयोग में लेने जैसा नहीं है।

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