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राजस्थान में ट्रेनों की रफ्तार पर नहीं पड़ेगा कोहरे का असर, रेलवे ने अपनाई यह तकनीक

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जोधपुर न्यूज़ डेस्क, सर्दियों में कोहरे के कारण ट्रेन संचालन में प्रभावित होता है। कई बार ट्रेनें घंटों लेट हो जाती हैं। इस समस्या के निवारण के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से लोको पायलटों को इंजन में उपयोग के लिए फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा रहे हैं। अब तक चारों मण्डलों को 875 फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा चुके हैं।

जोधपुर मण्डल को 202 डिवाइस मिले हैं। इस डिवाइस की लाइफ पांच साल होती है। पूर्व में दी गई डिवाइस की अवधि पूरी होने पर नई डिवाइस उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही कम यात्री भार अथवा कोहरे के कारण साधारणतया लेट चलने वाली ट्रेनों की समीक्षा की जा रही है, ताकि इन ट्रेनों को निश्चित अवधि के लिए रद्द कर ट्रेन के डिब्बों और स्टाफ को अन्य स्थानों पर उपयोग किया जा सके।
ये तैयारी भी की जा रही

लोको पायलटों को कोहरे के समय ट्रेनों की गति 60 से 75 किलोमीटर प्रति घंटा या अपने विवेकानुसार निम्नतम बनाए रखने के निर्देश।
सिग्नलों की सूचना दर्शाने वाले बोर्डों को पेंट किया जा रहा है, चमकीली पट्टी लगाई जा रही है।

कोहरे के समय दृश्यता कम होने पर लोको पायलटों की सहायता के लिए स्टेशन मास्टरों को विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट ( वीटीओ) के उपयोग के निर्देश।
सर्दियों में जिन स्थानों पर पटरियों के फ्रेक्चर की सम्भावना होती है, वहां अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल कर पटरियों की जांच की जा रही है।
पटरियों में फ्रेक्चर वाले क्षेत्रों की कोल्ड वेदर पेट्रोलिंग की जा रही है।

कोहरे की संभावना को देखते हुए पूरे उत्तर पश्चिम रेलवे में 875 फॉग सेफ्टी डिवाइस दी गई है। इसमें जोधपुर डिवीजन को 202 डिवाइस दी गई है।
 

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