चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ हिंदू पंचांग के अनुसार साल का नौवां महीना मार्गशीर्ष शुरू हो चुका है। इसे अग्रहायण या अगहन का महीना भी कहते हैं। इस महीने को हिंदू शास्त्रों में सर्वाधिक पवित्र माना गया है।इसे लेकर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि ’महीनों में, मैं मार्गशीर्ष हूं...’। इसी महीने से सतयुग का आरंभ माना जाता है। इस महीने को जप-तप और ध्यान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस महीने पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता है। इस बार मार्गशीर्ष का महीना 15 दिसंबर तक रहने वाला है।
इस महीने इन बातों का ध्यान रखे
इस महीने से स्निग्ध वस्तुओं का सेवन शुरू कर देना चाहिए। इसमें जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए। मोटे वस्त्रों का उपयोग आरभ कर देना चाहिए।संध्याकाल की उपासना अवश्य करनी चाहिए। नित्य गीता का पाठ करना उत्तम होता है। जहां तक संभव हो भगवान कृष्ण की उपासना करें। किसी पवित्र नदी में स्नान का अवसर मिले तो अवश्य करें।
18 नवंबर गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
21 नवंबर गुरु पुष्य योग
26 नवंबर उत्पन्ना एकादशी
28 नवंबर प्रदोष व्रत (कृष्ण)
29 नवंबर मासिक शिवरात्रि
1 दिसंबर मार्गशीर्ष अमावस्या
5 दिसंबर विनायक चतुर्थी
6 दिसंबर विवाह पंचमी
11 दिसंबर मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती
13 दिसंबर प्रदोष व्रत , अनंग त्रयोदशी
14 दिसंबर दत्तात्रेय जयंती
15 दिसंबर पूर्णिमा व्रत, अन्नपूर्णा जयंती
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