झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) में खिलाड़ी अब खेल कोटे की मांग उठा रहे हैं। शेखावाटी के नेशनल व इंटरनेशनल खिलाड़ियों तथा कोच का कहना है रीट में एसटी, महिला, ओबीसी, एससी, विधवा, तलाकशुदा, एक्स सर्विसमैन व अन्य सभी को कोटा होता है। उनको सामान्य से कम अंकों पर उत्तीर्ण मान लिया जाता है। जबकि खिलाड़ियों को सामान्य की तरह ज्यादा अंक लाने पर उत्तीर्ण घोषित किया जाता है। खिलाड़ियों को भी रियायत मिलनी चाहिए। खिलाड़ियों का कहना है वे सुबह शाम तीन-तीन घंटे खेलकर राजस्थान के लिए पदक जीतते हैं। राजस्थान की तरफ से खेलकर जिले व राज्य का मान बढा रहे हैं। उनको पढाई में ज्यादा समय नहीं मिलता। ऐसे में उनको भी उत्तीर्ण में प्राप्त अंकों में अन्य श्रेणियों की तरह रियायत दी जानी चाहिए। खिलाड़ियों का कहना है कि 25 नवबर को रीट का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है, ऐसे में उससे पहले ही सरकार को इस बारे में घोषणा करनी चाहिए। इससे शेखावाटी समेत पूरे प्रदेश के खिलाड़ियों को फायदा होगा। क्योंकि राजस्थान में सबसे बड़ी भर्ती शिक्षा विभाग में ही होती है। अध्यापक भर्ती परीक्षा में तो खिलाड़ियों को कोटा मिलता है, लेकिन रीट में नहीं होने से वे भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो रहे।
खिलाड़ियों की सुनो
सरकार ने महिलाओं को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में पचास फीसदी आरक्षण दे दिया, लेकिन रीट में खिलाड़ियों को कोटा नहीं दिया जा रहा। जबकि अन्य सभी श्रेणियों को कोटा दिया जा रहा है। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। नोटिफिकेशन से पहले इसकी घोषणा करनी चाहिए।
खिलाड़ियों में आएगी ऊर्जा
खिलाड़ियों के अधिकतर रुपए ट्रेनिंग, किट व डाइट पर खर्च हो जाते हैं। अगर जल्द सरकारी नौकरी मिल जाए तो वे ज्यादा उत्साह व ऊर्जा के साथ खेल सकेंगे। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। रीट में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को छूट देनी चाहिए। आत्मनिर्भर बनने के बाद खिलाड़ी राज्य व देश को ज्यादा पदक दिलाएंगे।
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