जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर गर्मी बढ़ने के साथ-साथ घरेलू और कृषि क्षेत्र में बिजली की मांग भी 16400 मेगावाट पहुंच गई है। इस कारण शाम 7 से 11 बजे तक अघोषित कटौती शुरू हो गई है। सबसे ज्यादा असर गांव और कस्बों में है। सरकार को एनर्जी एक्सचेंज में हर दिन 678 लाख यूनिट महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। 200 लाख यूनिट बिजली की कमी है, ऐसे में लोड मैनेजमेंट के लिए फीडर से बिजली कटौती की जा रही है। ऐसी स्थिति 30 सितंबर तक रहेगी। इधर, सोलर प्लांटों से बिजली नहीं मिल पा रही है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती शुरू हो गई है।
बारिश का दौर थमते ही बिजली की खपत बढ़ी
बारिश की वजह से दो सप्ताह पहले डिमांड सिर्फ 12000 मेगावाट की ही थी। रोजाना 2500 लाख यूनिट बिजली सप्लाई की जा रही थी। इधर, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का कहना है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के शासन में सर्दी में ली गई बिजली के बदले बैकिंग करार किया गया था। अब 30 सितंबर तक रोजाना 1000 मेगावाट बिजली दूसरे राज्यों को लौटानी पड़ रही है। उम्मीद है कि इसके बाद हालात में सुधार आएगा।