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जलझूलनी एकादशी पर विवाद के चलते जहाजपुर में 7 दिन बाद खुले बाजार, जाने आखिर क्या था मामला

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भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, शाहपुरा जिले के जहाजपुर शहर में बीते दो माह से चली आ रही तनातनी के बीच बुधवार को सुलह की राह खुली. हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों और प्रशासन के बीच देर रात सहमति के बाद बुधवार सुबह 7 दिन से बंद जहाजपुर शहर के बाजार खुल गए. यहां दो माह पहले 14 सितंबर को जल झूलन महोत्सव पर एक विवादित धर्म स्थल से पथराव के बाद विवाद शुरू हुआ था. तब से अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर एक पक्ष लगातार आंदोलन कर रहा है. बीती रात को हुई सहमति के बाद आंदोलन कर रहे लोगों ने अनिश्चितकालीन बंद टाल दिया है. शहर के 7 दिन से बंद बाजार रहने के चलते जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा था. मंगलवार शाम को विश्व हिंदू परिषद के प्रांत स्तरीय पदाधिकारी जहाजपुर पहुंचे थे. देर रात को विधायक गोपीचंद मीणा भी प्रशासन से वार्ता करने के लिए जहाजपुर आए थे. प्रशासन और आंदोलन कर रहे लोगों के बीच देर रात तक वार्ताओं का दौर चलता रहा. अंत में प्रशासन और ग्रामीणों के बीच 14 में से आठ मांगों पर काम शुरू करने का आश्वासन दिया गया.

14 में से 8 मांगों पर बनी सहमति 

बुधवार सुबह से ही प्रशासन ने 8 मांगों पर काम शुरू कर दिया. जिसके तहत अवैध अतिक्रमण चिन्हित करने और भगवान पीतांबर राय के मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग प्रमुख है. बुधवार सुबह सातवें दिन सब्जी मंडी और बस स्टैंड पर कुछ रौनक बाजार खुलने के साथ ही दिखी. उधर विधायक गोपीचंद मीणा का कहना है कि प्रशासन ने नागदी नदी में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ काम शुरू किया है, जिससे आम लोगों में रोष शांत हुआ है.

प्रशासन के अब तक के प्रयास

करीब दो माह से चल रहे आंदोलन को लेकर प्रशासन ने अब तक 22 लोगों की गिरफ्तारी की है. मामले में अभी आठ आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है. ग्रामीणों की मांग पर अब तक 2 दर्जन के आसपास अस्थाई अतिक्रमण ध्वस्त किए गए हैं. वहीं मंगलवार शाम से लेकर अब तक आधा दर्जन अवैध अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है.

अब आगे क्या?

जहाजपुर में श्री पीतांबर राय भगवान न्याय संघर्ष समिति, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल ने प्रशासन के बीच वार्ता में सहमति बनी. प्रशासन ने आंदोलनकारी प्रतिनिधि मंडल से 25 नवंबर तक समय मांगा. उधर आंदोलनकारी प्रतिनिधिमंडल ने शेष मांगों पर काम करने का 28 नवम्बर का अल्टीमेटम दिया है. 

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