खमनोर की आबादी से दूर एकांत में बने इस तहसील भवन में रिकॉर्डेड रास्ते का पेच फंसा हुआ है। करीब एक दशक तक तो नए तहसील भवन की कार्ययोजना ही नहीं बनी और मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। अब 10 वर्षों के लंबे इंतजार और आपाधापी में तहसील की भूमि और भवन की व्यवस्था हो गई तो रास्ते को लेकर मामला अटक गया है। जहां, तहसील भवन बनाया गया है, वहां तक पहुंचने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में सार्वजनिक रास्ता ही नहीं है।
तहसील भवन के निर्माण के दौरान सामग्री पहुंचाने के लिए संसाधनों को ले जाने के लिए जो रास्ता पहाड़ी भूमि को काटकर बनाया गया, दरअसल वह राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। रिकॉर्डेड रास्ता और सुगम सड़क नहीं होने के कारण तहसील कार्यालय के राजस्व अभिलेखों का सारा रिकॉर्ड और नियमित कामकाज पुराने भवन से नए में शिफ्ट भी नहीं हो पा रहा है। जब तक रास्ते का पेच नहीं सुलझेगा और सड़क नहीं बनेगी, तब तक पथरीला और उबड़-खाबड़ रास्ता आमजन के लिए परेशानी का कारण बना रहेगा। चर्चा है कि इसलिए फिलहाल तहसील कार्यालय स्थानांतरित भी नहीं किया जा रहा है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भी बिना राजस्व रिकॉर्ड में रास्ते की उपलब्धता के सड़क बनाने से इंकार किया है। पीडब्ल्यूडी अधिकारी का कहना है कि राजस्व रिकॉर्ड में रास्ते की स्थिति स्पष्ट हो जाने पर ही वे सड़क निर्माण की कार्य योजना तैयार करेंगे।
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