चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ के मंडफिया स्थित मेवाड़ के कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर की प्रतिमूर्ति को किसी भी कार्यक्रम में ले जाने पर रोक लगा दी गई है। पुजारियों द्वारा आर्थिक लाभ के लिए प्रतिमूर्ति को मंदिर से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसे भगवान की गरिमा और महिमा के दृष्टिगत अनुचित बताते हुए यह फैसला लिया गया है। साथ ही भगवान को धारण कराई जाने वाली पौशाक श्रद्धालु से सीधे लेने के बजाय मंदिर कार्यालय में पंजीयन के बाद ही धारण कराने की व्यवस्था लागू की गई है।
सांवलियाजी मंदिर बोर्ड एवं प्रशासन ने पुजारियों के साथ बैठक करते हुए यह फैसला लिया। बोर्ड कार्यालय में सांवलियाजी मंदिर मंडल अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर की अध्यक्षता में गुरुवार को यह बैठक हुई। इस दौरान चर्चा हुई कि काफी समय से श्री सांवलिया जी मंदिर के कुछ पुजारियों द्वारा सामाजिक, धार्मिक और व्यावसायिक कार्यक्रमों में सांवरा सेठ की प्रतिमूर्ति को ले जाया जा रहा था। बदले में आर्थिक लाभ लिया जा रहा है। कुछ भक्तों ने मंदिर में इसकी जानकारी दी है। इस कारण पुजारियों को पाबंद करते हुए यह फैसला लिया गया है।
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