उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर नवरात्र के तहत शुक्रवार को देवी के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी। गुरुवार को पहले दिन घट स्थापना के साथ शैलपुत्री स्वरूप की पूजा हुई। दुर्गा सप्तशती के देवी कवच में देवी के नौ रूपों का जिक्र किया है। इन्हीं नौ रूपों को नवरात्र के प्रत्येक दिन पूजा जाता है। पं. जितेंद्र त्रिवेदी बताते हैं कि दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय हैं और इन 13 अध्यायों में 700 मंत्र (श्लोक) हैं। इनमें देवी के उदभव से लेकर राक्षसों (महिषासुर, मधुकैटभ, शुम्भ, निशुम्भ आदि) के वध की कथा और अंतिम तीन अध्याय आराधना के हैं।
दुर्गा सप्तशती को चंडी पाठ भी कहते हैं। वहीं, ब्रह्मचारिणी स्वरूप मां पार्वती के विवाह के पूर्व का रूप माना जाता है। उनके दाहिने हाथ में मंत्र जपने की माला और बाएं हाथ में कमंडल होता है। दूसरी ओर नवरात्र के उपलक्ष में देवी मंदिरों मंे नित्य चंडी पाठ और पूजा शुरू हो गई है। शहर के प्रमुख मंदिर घाटा वाली माताजी, करणी माता, आवरी माता, हिंगलाज माता, नीमज माता, अंबा माता, बेदला माता, खीमज माता, कालका माता आदि मंदिरों मंे नवरात्र की धूम है। गणेश नगर स्थित कालका माता मंदिर के पुजारी देवेंद्र सिंह गौड़ ने बताया कि माता जी का भव्य शृंगार किया। पहले दिन नौ कन्याओं का पूजन किया। पूरा मंदिर परिसर लाइट से जगमगा रहा है। यहां नौ दिनों तक अलग-अलग तरह से माता का शृंगार किया जाएगा। प्रतिदिन चारों पहर की आरती की जाएगी।
समाज-संगठनों ने दुर्गा मां की स्थापना की, होंगे कई कार्यक्रम
उदयपुर| गुरुवार से शहर में विभिन्न समाज और संगठनों की ओर से घट स्थापना के साथ नवरात्र की धूम-धाम से शुरुआत हुई। विभिन्न स्थलों पर पांडाल सजाए गए हैं। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। पहले दिन नागर माहेश्वरी युवा संगठन की ओर से माहेश्वरी भवन सेवा संस्थान में महोत्सव गरबा 2024 का शुभारंभ हुआ। संगठन के सांस्कृतिक सचिव हितेश झंवर ने बताया कि पहले दिन पीले रंग की थीम रखी गई। गरबा खेलने वाले सभी लोग पीले रंग के परिधानों में गरबा पांडाल पहुंचे और गरबा का लुत्फ उठाया। शुक्रवार को नीला रंग गरबा ड्रेस कोड रखा गया है। ऐसे ही जय श्री नगर 3 में भी पारंपरिक गुजराती गीतों पर गरबा रास आयोजित हुआ।
पुरोहितों की मादड़ी स्थित दुदाजी के देवरा पर औदिच्य समाज के लक्ष्मीनारायण युवा परिषद व परशुराम गरबा मण्डल उदयपुर की ओर घट स्थापना के साथ नवरात्र शुरू हुए। परिषद के हीरालाल गोकलावत व गरबा मण्डल के भोपाजी गणेशलाल औदिच्य ईडाणा ने बताया कि वैदिक मंत्रों के साथ माताजी की स्थापना की। शाम को पारम्परिक रूप से गरबा खेला गया। नौ दिनों तक अलग-अलग पारम्परिक वेशभूषा में गरबा होगा और बच्चों के लिए खेल-कूद प्रतियोगिताएं होगी। इस अवसर पूर्व अध्यक्ष नारायण हीरावत, डालचंद बोरीवाला, जमनेश डूंगावत सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।
नौ दिन तक होगा गरबा आयोजन
मिराज मॉर्निंग सोसायटी परिसर में शारदीय नवरात्र पर्व का शुभारंभ हुआ। सचिव सुनील कुमार सिंह ने बताया कि नौ दिनों तक सुबह आरती एवं रात को गरबा नृत्य का आयोजन किया जाएगा। 12 अक्टूबर को कलश विसर्जन के बाद रावण दहन के साथ दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर शंकर दत्त कांडपाल, राजश्री शर्मा, सुनील सिंह, संजय शर्मा, रजत लेखारी, सुशील कुमार, किरण वैष्णव आदि मौजूद रहे।
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