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Jaisalmer जल संकट से जूझ रहा जैसाण, सर्दी में भी प्यासे हैं गले

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जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर  दिवाली जैसे महापर्व और अक्टूबर के आखिर से नवबर की शुरुआत में जैसलमेर के बाशिंदे जल संकट से करार रहे हैं। स्वर्णनगरी के नाम से मशहूर जैसलमेर के कई इलाकों में 5 से 7 दिन के अंतराल में पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है। जल संकट से आमजन बेहाल है, वहीं जिमेदार कभी नहर से कम पानी की आपूर्ति तो कभी लाइनों में लीकेज और कभी बिजली की आपूर्ति के संकट आदि का तर्क देकर कर्तव्य की इतिश्री कर रहे हैं। गौरतलब है कि सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है और इधर जैसलमेर में हालत यह है कि सडक़ों पर जहां देखें, वहां पानी की टंकियों को लादे टे्रक्टर घूमते नजर आ जाते हैं। दरअसल बहुत बड़ी संया में लोगों को 300 से 500 या कहीं-कहीं 700 रुपए तक खर्च कर पानी के टैंकर खरीदने को विवश होना पड़ रहा है।

सुधरने की बजाए चरमराई व्यवस्था

जैसलमेर शहर में कई वर्षों तक जलापूर्ति की व्यवस्था नगरपरिषद के जिमे थी। सरकार ने जलदाय विभाग की विशेषज्ञता को देखते हुए प्रदेश के कुछ और शहरों की भांति जैसलमेर शहर की जलापूर्ति को नगरपरिषद से लेकर जलदाय विभाग को सौंप दी। उसके बाद से हालत यह हो गई है कि व्यवस्था में सुधार के स्थान पर बिगाड़ आ गया।

दूसरों से मांग कर लाना पड़ रहा पानी

जैसलमेर में सर्दी के मौसम की आहट के बीच पीने के पानी की इतनी तंगी समझ से परे है। हमारी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। दिवाली जैसे त्योहार पर भी इस बार हमें पानी के लिए तरसना पड़ा है।पीने का पानी सबसे जरूरत की वस्तुओं में शामिल है। हमारा घर तंग गली में है। वहां तक टैंकर भी नहीं मंगवाया जा सकता। जैसे-तैसे दूसरों के यहां से पानी मांग कर काम चलाना पड़ा है।

जल्द पटरी पर लौटेगी व्यवस्था

सिंचाई का समय होने से मोहनगढ़ स्थित हेडवर्क्स पर कम वॉल्टेज से विद्युत आपूर्ति होने के कारण हमारी भारी मशीनरी चल नहीं पाई। इसी तरह से लाइन में भी लीकेज आ गया था। जिसके कारण 5-6 दिन में पानी की आपूर्ति की गई। अब आगामी एक-दो दिन में व्यवस्था सुचारू हो जाएगी।

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