सुधरने की बजाए चरमराई व्यवस्था
जैसलमेर शहर में कई वर्षों तक जलापूर्ति की व्यवस्था नगरपरिषद के जिमे थी। सरकार ने जलदाय विभाग की विशेषज्ञता को देखते हुए प्रदेश के कुछ और शहरों की भांति जैसलमेर शहर की जलापूर्ति को नगरपरिषद से लेकर जलदाय विभाग को सौंप दी। उसके बाद से हालत यह हो गई है कि व्यवस्था में सुधार के स्थान पर बिगाड़ आ गया।
दूसरों से मांग कर लाना पड़ रहा पानी
जैसलमेर में सर्दी के मौसम की आहट के बीच पीने के पानी की इतनी तंगी समझ से परे है। हमारी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। दिवाली जैसे त्योहार पर भी इस बार हमें पानी के लिए तरसना पड़ा है।पीने का पानी सबसे जरूरत की वस्तुओं में शामिल है। हमारा घर तंग गली में है। वहां तक टैंकर भी नहीं मंगवाया जा सकता। जैसे-तैसे दूसरों के यहां से पानी मांग कर काम चलाना पड़ा है।
जल्द पटरी पर लौटेगी व्यवस्था
सिंचाई का समय होने से मोहनगढ़ स्थित हेडवर्क्स पर कम वॉल्टेज से विद्युत आपूर्ति होने के कारण हमारी भारी मशीनरी चल नहीं पाई। इसी तरह से लाइन में भी लीकेज आ गया था। जिसके कारण 5-6 दिन में पानी की आपूर्ति की गई। अब आगामी एक-दो दिन में व्यवस्था सुचारू हो जाएगी।
You may also like
लखीमपुर खीरी में बुधवार से शुरू होगा ईको पर्यटन सत्र, योगी सरकार की इस योजना को जानिए
झारखंड चुनाव: 80 करोड़ की संपत्ति वाले उम्मीदवार से लेकर सिर्फ 7 हजार वाले तक, जानें कौन हैं सबसे अमीर और गरीब
महिला टी-20 विश्व कप ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका सेमीफाइनल मुकाबला आज
किसानों को उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करें: कमिश्नर
मोदी और योगी को हराने के लिए की जा रही विदेश से फंडिंग : ब्रजेश पाठक