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Ajmer अवैध निर्माण और लीज मुद्दों की अनदेखी से गुस्सा, हंगामे के आसार

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अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर नगर निगम की शुक्रवार को बुलाई गई साधारण सभा हंगामेदार होने के आसार हैं। पार्षद एजेंडे में अवैध निर्माण व पट्टे के मुद्दों को शामिल नहीं करने के मामले में खासे नाराज हैं। इसके साथ ही आनासागर झील की भराव क्षमता व नो कंस्ट्रक्शन जोन में रोक के बावजूद निर्माण को लेकर पर भी हंगामा होने की उमीद है।निगम की साधारण सभा गांधी भवन में शुक्रवार सुबह 11 बजे से होगी। साधारण सभा में निगम की ओर से जारी एजेंडे में 20 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा होनी है। हालांकि कांग्रेस पार्षदों ने शहर की बदहाल व्यवस्था को लेकर महापौर व सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति बनाई है।पार्षदों का कहना है कि निगम के ऐजेंडे में चर्चा करने की बात कही गई है लेकिन जब तक इस पर कोई विशेष ठोस निर्णय नहीं लिए जाएं, चर्चा की सार्थकता नहीं है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने सभी कांग्रेस पार्षदों को एकजुट होकर शहर विकास के मुद्दे पर चर्चा करने को कहा है।

एजेंडे में जिक्र तक नहीं

पार्षदों का कहना है कि जीसी की मांग तो अवैध निर्माण व पट्टों को लेकर थी, लेकिन उनका एजेंडे में जिक्र तक नहीं है। अवैध निर्माण व कृषि भूमि तथा एडीए की स्वामित्व वाली भूमि पर पट्टे जारी करने व अवैध निर्माण के मुद्दे पर जीसी बुलाने की मांग की गई थी। एजेंडे में इनको शामिल तक नहीं किया गया। पार्षद नरेश सत्यावना, श्याम प्रजापति, रजनीश चौहान, रणजीत सिंह, पिंकी बालोटिया आदि एजेंडे से असंतुष्ट हैं।

प्रक्रिया क्या, इसका नहीं खुलासा...

जल भराव व आनासागर की सफाई व गहराई बढ़ाने पर चर्चा: इसकी कोई योजना नहीं। केवल चर्चा से क्या होगा।

पशु पालकों के लिए देवनारायण योजना: कब से लागू, कौन-कौन पात्र हैं, इसका खुलासा नहीं।

आय बढ़ाने के क्या साधन अपनाएंगे: इस संबंध में कोई खुलासा नहीं, स्वास्थ्य अधिकारी शक्त्तिविहीन, एक सफाई निरीक्षक को इधर से उधर नहीं कर सकते।

इंडोर स्टेडियम में पुस्तकालय, अनुकंपा नौकरी, जीएसटी, लाखन कोटड़ी में पुलिस चौकी के लिए जमीन आदि प्रशासनिक कार्य का आमजन से कोई खास जुड़ाव नहीं।

कांजी हाउस में रिनोवेशन के लिए 3.41 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति, विभागीय कार्य।

निगम की संपत्ति कैसे कब्जे में ली जाएगी, इसकी कार्य योजना का प्रारूप नहीं।

ठोस कचरा प्रबंधन के लिए करीब 26 हजार वर्गगज जमीन पूर्व में आवंटित, कंसेशनर 5 हजार वर्गगज और मांग रहा। इसका क्या औचित्य।

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