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'खराड़ी हिंदू होते तो दो शादी...' रोत ने बाबूलाल खराड़ी के बयान पर किया पलटवार

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जयपुर न्यूज़ डेस्क, सलूंबर और चौरासी में आदिवासी पहचान और आदिवासी हिंदू हैं या नहीं, का सवाल फिर से गर्म हो गया है. बांसवाड़ा सांसद ने NDTV से बातचीत में कहा, "मैंने किसी का ठेका नहीं लिया है. लेकिन, सच्चाई बयां करना मेरी जिम्मेदारी है. अगर बाबूलाल खराड़ी आदिवासी नहीं होते, हिन्दू होते तो वे दो शादी नहीं कर सकते थे.  उन्होंने अपने एफिडेविट में लिखा है कि उन पर हिंदू विवाह अधिनियम लागू नहीं होता है."

"राजकुमार रोत के पुरखे क्या थे वे बताएं"

मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने रविवार (3 अक्टूबर) एनडीटीवी से बातचीत में बांसवाड़ा सांसद के आदिवासियों के हिन्दू न होने वाले बयान पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि  उनके आइडेंटिटी क्या है, वे बताएंगे. उनके पुरखे क्या हैं, वे बताएं. वे कहते हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं. वे आदिवासी का ठेका ले लेंगे क्या?"

"सारे आदिवासियों का ठेका नहीं ले सकते राजकुमार रोत"

उन्होंने कहा कि वे (राजकुमार रोत) कह सकते हैं कि वे हिन्दू नहीं हैं. लेकिन, सारे आदिवासियों का ठेका नहीं ले सकते. आदिवासी अनादि काल से हिंदू हैं. वामपंथी और ईसाई मशीनरी यहां काम कर रहे हैं. यहां धर्मांतरण हो रहा है, लोग अपनी पूजा पद्धति को भूल रहे हैं, इसलिए ऐसी बात कर रहे हैं. इसके पीछे कई ताकतें हैं."

"सरकार ने द्वेष भावना से काम किया" 

सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि सरकार ने द्वेष भावना से काम किया है, यहां के युवा अगर नाराज हैं तो सरकार को कारण ढूंढना चाहिए था.  लेकिन उन्होंने समाधान नहीं ढूंढना बल्कि बदले की भावना से काम किया.  उन्होंने कहा, "हमने युवाओं को संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक किया.  भाजपा के नेता इसे बरगलाना कहते हैं.  युवाओं ने भाजपा और कांग्रेस का झूठ समझ लिया.  झूठ का पर्दा हटा तो स्वाभाविक रूप से युवाओं में आक्रोश होगा ही."  

"मेरी जीत के मार्जिन में कांग्रेस की भूमिका जरूर है"

रोत ने कहा, "मेरी जीत के मार्जिन में कांग्रेस की भूमिका जरूर है. लेकिन, कांग्रेस के समर्थन के बिना नहीं जीतते, यह कहना गलत है. आपको कांग्रेस के नेता को भाजपा में ले जाकर चुनाव लड़ाने की जरूरत क्यों पड़ी.  यह उनका डर था."   गठबंधन के सवाल पर कहा, "कांग्रेस के स्थानीय नेता भाजपा के इशारे पर काम करते हैं, इसलिए पिछली बार भी आलाकमान के निर्देश के बावजूद उन्होंने हमें समर्थन नहीं किया.  गठबंधन के बगैर भी हम जीतेंगे. "नरेश मीणा के लिए प्रचार में जाने के सवाल पर कहा, "नरेश मीणा ने हमसे समर्थन मांगा थ, इसलिए हम उन्हें समर्थन दे रहे हैं.  मैं दोनों सीटों पर प्रचार में व्यस्त हूं लेकिन कोशिश करूंगा कि उनके प्रचार में जाऊं."

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