बीकानेर न्यूज़ डेस्क, मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि बीकानेर नगर विकास न्यास को बीकानेर विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा, लेकिन अब इसे आगे बढ़ाने की प्रक्रिया कछुआ चाल से चल रही है। अभी सरकार और न्यास के बीच सिर्फ पत्राचार चल रहा है। सरकार ने हाल ही में यूआईटी से मास्टर प्लान, न्यास की वित्तीय स्थिति और अन्य ब्यौरा मांगा है। कोटा विकास प्राधिकरण की घोषणा के बाद पिछले साल ही इसे नया स्वरूप दिया गया था, इसलिए लोग तर्क दे रहे हैं कि सरकार को इसे पूरी तरह लागू करने में एक से दो साल का समय लगेगा। दरअसल, बीकानेर शहर के एक लाख हैक्टेयर क्षेत्र में अगले 20 साल के लिए नया मास्टर प्लान बनाने की तैयारी की जा रही है। इसमें 63 गांवों और चाैकों को शामिल कर सुनियोजित विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इससे पहले शहर में विकास के लिए वर्ष 2003 में 20 साल का मास्टर प्लान बनाया गया था।
इसकी अवधि इस साल पूरी हो चुकी है। अब अगले 20 साल यानी सन् 43 तक के लिए नया मास्टर प्लान बनेगा। इसमें 63 गांवों और चकों को शामिल करने के अलावा शहर के नजदीक अन्य गांवों पर भी विचार किया जा रहा है। यूआईटी और केंद्र सरकार के उपक्रम वापकोस के बीच हुए समझौते के बाद नए मास्टर प्लान पर काम शुरू हो गया है। शहर में बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए अगले 20 साल के लिए नए मास्टर प्लान के अनुसार स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, खेल मैदान, सड़कें और औद्योगिक क्षेत्रों के स्थान तय किए जाएंगे। इस मास्टर प्लान के आधार पर जब बीकानेर विकास प्राधिकरण बनेगा तो इसका और विस्तार होगा, लेकिन फिलहाल बीडीए का मूल ढांचा 2043 तक के मास्टर प्लान को लागू करने का होगा। सरकार ने यूआईटी में आईएएस को सचिव नियुक्त कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि जल्द ही दर्जा दे दिया जाएगा, लेकिन जयपुर से काम में ढिलाई के कारण बीकानेर के साथ-साथ सीएम भजनलाल के गृह जिले भरतपुर का काम भी अफसरों की लेटलतीफी का शिकार हो रहा है। 2040 तक महानगर का दर्जा संभव
बीकानेर की वर्तमान जनसंख्या करीब 12 लाख है। जानकारों का कहना है कि बीकानेर विकास प्राधिकरण की योजना 15 से 20 लाख की जनसंख्या के हिसाब से बनेगी। हालांकि बीकानेर की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर जयपुर रोड की ओर। इसलिए बीडीए का गठन मौजूदा मास्टर प्लान के आधार पर होगा, लेकिन उसके बाद जो योजना बनेगी, उसमें जनसंख्या और क्षेत्रफल दोनों का विस्तार संभव है। जिस गति से शहर बढ़ रहा है और जनसंख्या का विस्तार हो रहा है, उसे देखते हुए बीकानेर को महानगर का दर्जा मिलने में 15 से 20 साल और लगेंगे।
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